शाह जी देश कैसे बनेगा विश्व गुरु?
कल मैंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान अमित शाह का बयान पढ़ा जिसमें उन्होंने भारत को विश्व गुरु बनाने का संकल्प लिया है मैं श्रीमान अमित शाह जी को बताना चाहता हूं कि आपका भारत तो पहले से ही विश्व गुरु है और आप हमेशा पुरानी सरकारों को दोष देते आए हैं, अब तो आपकी सरकार है कम से कम विश्व गुरु बनाने के लिए अपने देश की सबसे पहली सीढ़ी ट्रेन व्यवस्था ही ठीक कर डालो, अन्य सड़क पानी बिजली स्वास्थ्य व शिक्षा को बाद में देख लेंगे, जान है तो जहान है।
अमित शाह जी मुझे केवल आपके ही नहीं अपने देश के प्रधानमंत्री के भाषण भी बहुत अच्छे लगते हैं जब कोई सुनता है तो एक हाथ वाला भी ताली बजाने से नहीं चुकता, लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी ट्रेन में बैठने वाला यात्री घर पहुंचने तक हनुमान चालीसा पढ़ता रहता है, उसे विश्वास ही नहीं होता कि वह जिस ट्रेन में बैठा है सुरक्षित अपने घर पहुंच पाएगा या नहीं, बच्चे अपने पिता को, पत्नी अपने पति को और मां अपने बेटे को, एक भाई अपने भाई को बार-बार फोन करके पूछते रहते हैं कि कहां पहुंचे, जानते हो क्यों क्योंकि इनमें से किसी को भी अपने देश की ट्रेन पर भरोसा नहीं रहा। यदि मैं आपको आपबीती सुनाऊं तो आप भी कहेंगे कि वाकई हमें बड़ी-बड़ी बातें करने से पहले अपने देश की मूलभूत सुविधाओं को ठीक करना जरुरी है, मामला 8 सितंबर दिन शुक्रवार का है मुझे अपनी पत्नी के साथ लखनऊ से दिल्ली आना था जिसके लिए मैंने 15 दिन पहले हवाई जहाज के दो टिकट अपने खाते से आॅनलाइन बुक कराए थे और हमें 8 सितंबर को 1:35 पर गोएयर की फ्लाइट का समय मिला लेकिन यात्रा से ठीक 3 दिन पहले मेरे पास एक एसएमएस आया जिसमें लिखा था कि आपकी फ्लाइट संख्या इतनी-इतनी 2:20 पर प्रस्थान करेगी, मैं व मेरी पत्नी यात्रा वाले दिन बोर्डिंग के हिसाब से ठीक 1 घंटे पहले एयरपोर्ट पर थे, जल्दी से टिकट बनवा कर अंदर गए तो पता चला फ्लाइट अभी आई ही नहीं है, आधा घंटा लेट हो गई है खैर यह फ्लाइट ठीक पौना घंटा लेट एयरपोर्ट पर आई और हम इसमें सवार होकर दिल्ली पहुंच गए। मुझे खुशी इस बात की थी कि लेट होने के बाद इसका कैप्टन यात्रियों से कह रहा था कि आप लोग ठीक एक घंटे में दिल्ली एयरपोर्ट पर होंगे और मैं समझता हूं कि आपकी यात्रा सुविधाजनक तरीके से कट रही होगी, एयरपोर्ट पहुंचते ही अपना बैग लेने के बाद हमने देखा 4:30 बजे थे, हमने एक टैक्सी ली और उससे कहा कि भैया हमने दिल्ली से 4:35 पर बरेली जाने वाली इंटरसिटी ट्रेन में 2 सीट बुक करा रखी है क्या वह मिल सकती है, तो ड्राइवर का जवाब था कि साहब मजाक क्यों कर रहे हो? 4:35 की ट्रेन है और 4:30 तो यही हो गए रास्ते में जाम की बात तो पूछो ही मत, खैर हम दोनों पति-पत्नी इस टैक्सी में बैठे और रेलवे स्टेशन की तरफ चल दिए करीब 6:00 बजे हम नई दिल्ली स्टेशन पर थे, हांलाकि इस बीच स्टेशन पर खड़े अपने खास आदमी को मैंने फोन करके दो टिकट जनरल कैटेगरी के खरीदने के लिए कह दिया था ताकि हम दूसरी ट्रेन से सफर कर सके जो उसने खरीद लिए थे, रेलवे स्टेशन पहुंचते ही एक कुली हमारे सामने खड़ा था जिससे हमने अपनी ट्रेन के बारे में पूछा तो वह वह कहने लगा कि साहब यदि आप मुझे 200 रूपये दें तो मैं आपको उस ट्रेन में बैठा सकता हूं, मैं उसकी बात सुनकर हंसने लगा और अपने खास आदमी अरविंद को फोन करके 9 नंबर प्लेटफार्म पर अपनी ट्रेन की जानकारी करने के लिए कहा उसने देखकर बताया कि प्लेटफॉर्म खाली है, ट्रेन तो कभी की जा चुकी है लेकिन कुली अपनी बात पर अड़ा था, मैंने कुली से कहा कि यदि ट्रेन मिल जाती है तो मैं आपको 200 रूपये दे दूंगा, नहीं तो तुम्हें 100 रुपए में संतोष करना पड़ेगा वह तैयार हो गया अभी कुछ ही क्षणों में कुली के पीछे-पीछे भागते हम लोग प्लेटफार्म नंबर 9 पर थे जहां जाकर देखा तो ट्रेन खड़ी थी, हमें इस बात की बड़ी खुशी हुई कि अब हमारे रिजर्वेशन का उपयोग हो जाएगा लेकिन यह क्या जैसे ही हम अपने एसी कोच सी-2 में पहुंचे तो वहां बच्चे बिलबिला रहे थे और प्रत्येक यात्री पसीना-पसीना था, पूछने पर बताया कि इसका एसी नहीं चल रहा है, मेरी पत्नी अपनी सीट नंबर 27 पर बैठ गई और मैं 28 पर अपना बैग रखकर बाहर चला गया, टीटी से बात की तो उसने बताया कि एसी खराब है, ज्यादा जानकारी के लिए पास में खड़े एसी अटेंडेंट से पूछो अटेंडेंट ने पूछने पर बताया कि जब ट्रेन चलेगी तब एसी काम करेगा, मैं कुछ ज्यादा कहता तो सरकारी काम में बाधा हो जाती, शांति से वहीं खड़ा होकर सबसे पहला ट्वीट मैंने देश के रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल को किया और कहा कि इस ट्रेन का नंबर यह है जिसे 4:35 पर जाना था जो इस समय प्लेटफॉर्म पर खड़ी है उसका एसी बंद है, बच्चे बिलबिला रहे हैं, यात्री सरकार को गाली दे रहे हैं, जवाब आया अपना पीएनआर नम्बर भेजें मैंने नंबर भेज दिया और दूसरा ट्वीट डीआरएम को कर डाला, इनके द्वारा तो कोई कार्यवाही नहीं की गई परंतु ट्रेन चल पड़ी, ट्रेन चलतें ही मुझे एसी अटेंडेंट की याद आई जिसमें उसने कहा था कि ट्रेन चलते ही एसी चल पड़ेगा, अभी ट्रेन 2 किलोमीटर भी नहीं चली होगी की रुक गई, फिर 2 किलोमीटर चली और रुक गई, यहां हमारे कोच में करीब 100 यात्री आकर खड़े हो गए टीटी पर नजर दौड़ाई तो दूर-दूर तक उसका नाम निशान नहीं था और हमारा गर्मी से बुरा हाल था, करीब 2 घंटे में भगवान भरोसे यह ट्रेन भी बीस जगह रुकने के बाद गाजियाबाद पहुंची तो मेरी बेटी का फोन आया। उसने पूछा पापा कहां पहुंचे, मैंने उसको पूरी हकीकत बताई तो उसने भी कहा कि पापा ट्रेन भरोसे वाली नहीं रही, रोज देखते हो क्या-क्या हो रहा है, इससे तो बस से आ जाते कम से कम आने का भरोसा तो रहता, मुझे बेटी का सुझाव पसंद आया परंतु ट्रेन में बैठने के बाद उतरने का साहस नहीं कर पा रहा था। जब टीटी द्वारा पैसे लेकर चढ़ाए गए बेटिकट यात्री उतर गए तो टीटी साहब पहुंचे और टिकट चैक करने लगे, जिस कारण यात्रियों ने उनको आड़े हाथों लिया और कम्पलेन बुक मंगाकर उनकी शिकायत लिखनी शुरू कर दी, मजेदार बात यह थी कि टीटी कह रहा था कि जो मर्जी वह लिख दो कुछ नहीं होने वाला, मेरे पड़ोस में बैठे एक यात्री ने जो बेंगलुरु से आए थे और बरेली अपने भाई के श्राद्ध में जाना बता रहे थे, उन्होंने टीटी से पूछा कि भाई यह ट्रेन बरेली कितने बजे पहुंचेगी तो जानते हैं टीटी का जवाब क्या था, टीटी का कहना था कि मुझे नहीं पता यह ट्रेन पहुंचेगी भी कि नहीं पहुंचेगी, देखते नहीं रोज क्या हो रहा है, खैर ठीक 12:00 बजे से पहले हमारी ट्रेन मुरादाबाद प्लेटफॉर्म पर थी और मेरे बेटे हमें रिसीव करने के लिए तैयार खड़े थे, कार में बैठे घर पहुंचे और ट्रेन में सफर ना करने का संकल्प लिया। यह बात मैंने अपने परिवार में अपनी मां सहित सभी को बताई तो सबका एक ही जवाब था कि इस समय ट्रेन में सफर करना भरोसे लायक नहीं रहा, इसके बावजूद मैं पूछना चाहता हूं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं देश चलाने में प्रधानमंत्री के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे श्रीमान अमित शाह जी से कि शाह जी यह सोलह आने सच है कि सबसे ज्यादा राज कांग्रेस ने किया और व्यवस्था खराब करने के लिए सबसे बड़ी दोषी भी कांग्रेस ही है लेकिन आपकी सरकार को भी साढ़े तीन साल का समय हो चुका है जो कम से कम व्यवस्था पूरी करने के लिए भले ही कम हो लेकिन सुधार करने के लिए तो कम नहीं है। हमारा देश बकवास बाजी से विश्वगुरु नहीं बन सकता, जिस दिन आपकी सरकार ने बिजली पानी शिक्षा स्वास्थ्य रेल और बस को ठीक कर दिया उस दिन देश के सवा सौ करोड़ लोग आपको गुरु और देश को विश्वगुरु मानना शुरू कर देंगे और फिर भारत को विश्व गुरु बनाने से कोई नहीं रोक सकता और मैं भी आजीवन भाजपा को वोट देता रहूंगा वरना आप देखते रह जाओगे और फिर पुराने हाथों में कमान चली जाएगी।