देश की 25 फीसदी जनता को लगी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज
कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच भारत में तेजी से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. भारत ने अनुमानित युवा आबादी के लगभग 25 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दे दी है. मंगलवार यानी बीते दिन 53 लाख से अधिक वैक्सीन लगाई गईं, जिससे कुल संख्या 87.59 करोड़ हो गई. वहीं, उम्मीद जताई जा रही है कि कोरोना की एक और वैक्सीन 2 अक्टूबर को मिल सकती है. इसके रेट और अन्य चीजों को लेकर बातचीत की प्रक्रिया अंतिम दौर पर है.
जारी आंकड़ों के अनुसार, चार बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात ने 6 करोड़ से अधिक टीकाकरण किए हैं. इन बड़े राज्यों में से तीन में राष्ट्रीय औसत से दूसरी खुराक कवरेज अधिक है. इसमें गुजरात (40 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (27 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (26 प्रतिशत) शामिल हैं. उत्तर प्रदेश में केवल 13.34 प्रतिशत युवाओं को कोरोना की दोनों डोज लगाई गई हैं.
वहीं, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, कर्नाटक और बिहार ने 5 करोड़ से अधिक टीकाकरण किया है, जबकि कर्नाटक (35 प्रतिशत) और राजस्थान (30 प्रतिशत) में राष्ट्रीय औसत से ऊपर दूसरी खुराक कवरेज है, पश्चिम बंगाल (23 प्रतिशत) में राष्ट्रीय औसत के करीब दूसरी खुराक कवरेज है. बिहार (14 प्रतिशत) का दूसरा खुराक औसत राष्ट्रीय औसत से काफी कम है.
इसके साथ ही चार राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने एक करोड़ से अधिक खुराक का कुल टीकाकरण किया है. उत्तराखंड (40 प्रतिशत), जम्मू-कश्मीर (39 प्रतिशत), दिल्ली (35 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (27 प्रतिशत) में अब राष्ट्रीय औसत से ऊपर दूसरी खुराक टीकाकरण कवरेज है. वहीं, पंजाब (22.4 प्रतिशत) और झारखंड (15.43 प्रतिशत) में राष्ट्रीय औसत से नीचे दूसरी खुराक टीकाकरण कवरेज है.
केंद्र सरकार और जायडस कैडिला इस हफ्ते दुनिया की पहली कोविड रोधी डीएनए वैक्सीन जायकोव-डी की कीमत तय कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के मौके पर वैक्सीन लॉन्च हो सकती है. भारत के औषध महानियंत्रक ने पिछले महीने जायडस कैडिला के स्वदेशी तौर पर विकसित सुई-मुक्त कोविड-19 टीके जायकोव-डी को आपातकालीन उपयोग प्राधिकार (ईयूए) दिया है, जिसे देश में 12-18 वर्ष के आयु वर्ग के लाभार्थियों को दिया जाना है.
जायकोव-डी एक प्लाज्मिड डीएनए टीका है. प्लाज्मिड इंसानों में पाए जाने वाले डीएनए का एक छोटा हिस्सा होता है. ये टीका इंसानी शरीर में कोशिकाओं की मदद से कोरोना वायरस का ‘स्पाइक प्रोटीन’ तैयार करता है, जिससे शरीर को कोरोना वायरस के अहम हिस्से की पहचान करने में मदद मिलती है. इस प्रकार शरीर में इस वायरस का प्रतिरोधी तंत्र तैयार किया जाता है.