अगर एक ही घर से 2 बहनें पढ़ती हैं तो एक की फीस माफ करें निजी स्कूल-सीएम योगी

 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती  के अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बालिका शिक्षा को लेकर बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि किसी निजी स्कूल में अगर एक ही घर से 2 बहनें पढ़ती हैं तो एक की फीस माफ करें. अगर निजी स्कूल  फीस माफ नहीं करता तो विभाग उस बच्ची के फीस भरने की व्यवस्था करे. विभाग को मिलकर इस पर काम करना चाहिए. कोरोना काल के दौरान बहुत से लोग फीस भरने में असमर्थ हैं, इस पहल से उनको मदद मिलेगी. सीएम ने लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में 1,51,215 छात्र-छात्राओं के खाते में 177.35 करोड़ की छात्रवृत्ति ऑनलाइन भेजी. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी ने मंच से 10 बच्चों को स्कॉलरशिप का सर्टिफिकेट भी दिया.

सीएम योगी ने कहा कि 30 नवंबर तक सभी के खातों में स्कॉलरशिप भेज दी जाएगी जिससे किसी की पढ़ाई बाधित ना हो. उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार जो स्कॉलरशिप दे रही है वो 3900 करोड़ है जो पिछली सरकार में सिर्फ 1800 करोड़ थी. सीएम ने कहा महात्मा गांधी देश की आजादी के महायोद्धा थे. गांधी जी ने जो बात आज से 100 साल पहले कही वो आज सच साबित हो रही है. 2 अक्टूबर 2014 को एक अभियान पीएम मोदी के नेतृत्व में शुरू हुआ था, स्वच्छता का. अगर ये अभियान आजादी के बाद शुरू हो गया होता तो आज कितनी ही जिंदगी बच गई होती. सीएम ने कहा कि यूपी के 38 जिले एक महामारी के चपेट में थे, बड़े पैमाने पर मौतें होती थी. उनकी मांग अनसुनी कर दी जाती थी क्योंकि वो अनुसूचित जाति के थे, वो वोट बैंक तो थे लेकिन किसी का ध्यान नही था. लेकिन आज पूर्वी यूपी के 38 जिलों में मौतें 97 फीसदी नियंत्रित हो चुकी हैं.

सीएम योगी ने कहा कि बापू ने स्वदेशी को अपना हथियार बनाया था, सबने देखा कि कोरोना काल में जब पूरी दुनिया महामारी से जूझ रही थी उस समय पीएम मोदी ने इस देश को एक मंत्र दिया था आत्मनिर्भर भारत का, जिसका आधार बनता है स्वदेशी. यूपी जैसे बड़े राज्य में जहां सभी चिंतित थे 40 लाख श्रमिक कहां जाएंगे, लेकिन यूपी सरकार ने परंपरागत तरीके से ODOP योजना और पीएम मुद्रा योजना के ज़रिए उनकी मदद की. गांधी जी ने जो मंत्र आज से 100 साल पहले दिया था वो आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है, आज गांव में ही रोजगार का सृजन हो रहा है. सीएम ने कहा आज एक और महापुरुष शास्त्री जी की भी जयंती है. लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में 1965 के युद्ध में दुश्मन देशों को नाक से चने चबाने बड़े थे. देश को खाद्यन से सम्पन्न करने के लिए जय जवान जय किसान का नारा दिया था.