मिलक : लखीमपुर खीरी की घटना अति निंदनीय -अजय बाबू गंगवार

 

विधान केसरी समाचार

 

मिलक। बुधवार को निरीक्षण भवन मिलक में भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया, कार्यक्रम में स्व चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की 86वां जयंती मनाई।

चौधरी टिकैत की जयंती के अवसर पर भाकियू टिकैत के कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रतिमा पर फूल अर्पित करके माल्यार्पण किया तथा लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों के लिये मौन धारण करके उनकी जीवात्माओं की शांति के लिये दुआएं की तमाम बक्ताओं ने बाबा टिकैत के जीवन पर प्रकाश डाला, कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए।

अजय बाबू गंगवार ने कहा कि महात्मा टिकैत ने हमेशा किसानों के लिए संघर्ष किया। जो काम अधूरा छोड़ कर गए हैं आज उनकी जयंती पर हम संकल्प लें कि उनके बताए मार्ग पर चलकर किसान और मजदूरों की सेवा करेंगे। महात्मा टिकैत ने अपना संपूर्ण जीवन किसान हित में लगा दिया। बड़े-बड़े ऐतिहासिक आंदोलन उन्होंने किए और सरकारों को हिलाने का काम किया।

बाबा टिकैत के नेतृत्व में कई आंदोलन हुए लेकिन एक आंदोलन ऐसा भी था, जिसे देख मौजूदा केंद्र सरकार तक कांप गई थी। 1988 के दौर की बात है नई दिल्ली वोट क्लब में 25 अक्तूबर, 1988 को बड़ी किसान पंचायत हुई। इस पंचायत में 14 राज्यों के किसान आए थे। करीब पांच लाख किसानों ने विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक कब्जा कर लिया था।
सात दिनों तक चले इस किसान आंदोलन का इतना व्यापक प्रभाव था कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार दबाव में आ गई थी।
कार्यक्रम में तहसील अध्यक्ष वीरेंद्र गंगवार, सायबा, नरेन्द्र गंगवार, दामिनी, मोहम्मद इस्लाम, डॉ विजय गंगवार, भूप राम, मोहित गंगवार, वसीम खान, रूप किशोर, हरपाल सिंह गंगवार, महेंद्र यादव, कुलदीप गंगवार, छेदा लाल, घनश्याम, ओमाशंकर, धर्मदास, झुन्डे लाल आदि किसान मौजूद रहे।