6 जनवरी को रखा जाएगा वरद चतुर्थी का व्रत, इस विधि से करें गणेश पूजा
हिंदू पंचाग में दोनों पक्ष की चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा का विधान है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस बार पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 6 जनवरी के दिन पड़ रही है. इस दिन भगवान श्री गणेश की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. इसे वरद चतुर्थी के नाम से जाना जाता है.
मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा-उपासना करने से व्यक्ति के जीवन से सभी संकंटों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. हिंदू धर्म में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से की जाती है. आइए जानते हैं वरद चतुर्थी की तिथि और पूजा विधि के बारे में.
वरद चतुर्थी की तिथि
पंचांग के अनुसार पौष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 5 जनवरी को दोपहर 2 बजाकर 34 मिनट पर शुरू होगी और 6 जनवरी दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी. वहीं, पूजन का समय 6 जनवरी 11 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है. इसके अलावा, चौघड़िया मुहूर्त में भी गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना की जा सकती है.