बिजनौरः आगामी ईद उल फितर व अन्य त्योहारों को आपसी भाईचारे व मोहब्बत और शांतिपूर्वक मिलजुल कर मनाए- गामेंद्र सिंह गजरौलिया

विधान केसरी समाचार

बिजनौर। युवा समाजसेवी व भारतीय बौद्ध संघ के जिलाध्यक्ष गामेंद्र सिंह गजरौलिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा की आगामी ईद उल फितर व अन्य त्योहारों को आपसी भाईचारे व मोहब्बत और शांतिपूर्वक मिलजुल कर मनाएं।

जिलाध्यक्ष गामेंद्र सिंह गजरौलिया ने आगे कहा कि ईद उल फितर मुस्लिम भाइयों का त्यौहार ईद रमजान का चांद डूबने और ईद का चांद नजर आने पर उसके अगले दिन चांद की पहली तारीख को मनाया जाता है। ईद उल-फितर पैगम्बर मुहम्मद साहब ने सन 624 ईसवी में जंग-ए-बदर के बाद मनायी थी। ईद उल फित्र के अवसर पर पूरे महीने अल्लाह के मोमिन बंदे अल्लाह की इबादत करते हैं रोजा रखते हैं और कुआन करीम कुरान की तिलावत करके अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं जिसका अज्र या मजदूरी मिलने का दिन ही ईद का दिन कहलाता है जिसे उत्सव के रूप में पूरी दुनिया के मुसलमान बडे हर्ष उल्लास से मनाते हैं।

समाज सेवी व भारतीय बौद्ध संघ के जिलाध्यक्ष गामेंद्र सिंह गजरौलिया कहते हैं कि ईद उल-फितर का सबसे अहम मक्सद एक और है कि इसमें गरीबों को फितरा देना वाजिब है जिससे वो लोग जो गरीब हैं मजबूर हैं अपनी ईद मना सकें नये कपडे पहन सकें और समाज में एक दूसरे के साथ खुशियां बांट सकें फित्रा वाजिब है उनके ऊपर जो 52.50 तोला चाँदी या 7.50 तोला सोने का मालिक हो अपने और अपनी नाबालिग औलाद का सद्कये फित्र अदा करे जो कि ईद उल फितर की नमाज से पहले करना होता है।
अतः ईद उल फितर का त्योहार हमें इंसानियत का पैगाम देता है अमीर लोग गरीबों की मदद करें सब अमीर और गरीब लोग सुख शांति से रहे जिससे हमारे देश और दुनिया में खुशहाली आए।