पीलीभीतः ऐसा लगा है अपने वो लालो में आ गए गुरुदेव जब भी चाहने वालों में आ गए

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पीलीभीत। बांसुरी नगरी तराई के जनपद पीलीभीत में करीब 70 वर्ष पूर्व गृहस्थ संत स्वर्गीय रमेश चंद्र पचैरी द्वारा शहर के चोर गली स्थित कालिया मंदिर में सीताराम अग्रवाल सर्राफ कृष्ण कुमार सर्राफ श्री कृष्ण अवस्थी सत्य प्रकाश मिश्रा गृहस्थ संतप्रख्यात आध्यात्मिक कवि पंडित देवेंद्र चंद्र त्रिवेदी आदि सहयोगीयों के साथ श्री रामाश्रम सत्संग केंद्र मथुरा कि पीलीभीत शाखा का जो बीज रोपित किया है आज पलवित होकर वटवृक्ष बन चुका है।

परम भागवत गुरु महाराज डाक्टर चतुर्भुज सहाय पंडित मीहीं लाल शर्मा आदि गृहस्थ संतो द्वारा रामाश्रम सत्संग केंद्र डैंपियर नगर मथुरा में आध्यात्मिक आंतरिक सत्संग आयोजन का शुभारंभ किया गया इसकी पीलीभीत में गृहस्थ संत रमेश चंद्र पंचैरी द्वारा कालिया मंदिर में स्थापना की गई जहां वर्षों तक सुबह तथा शाम को साधकों द्वारा आध्यात्मिक आंतरिक सत्संग होता रहा है चैक बाजार स्थित गोपीनाथ राधा रमण मंदिर में वैष्णवाचार्य गोपी जीवन गोस्वामी के साथ रमेश चंद्र पचैरी द्वारा साप्ताहिक प्रवचन सत्संग घर कार्यक्रम कई वर्षों तक होता रहा जो बाद में बंद हो गया गृहस्थ संत रमेश चंद्र पंचोरी के निधन के बाद पीलीभीत केंद्र की बागडोर आचार्य के रूप में कई वर्ष तक उनके परम सहयोगी गृहस्थ संत सत्य प्रकाश मिश्रा द्वारा निभाई जाती रही बाद में आरपी शर्मा को आचार्य वर्तमान समय में पीलीभीत केंद्र के आचार्य की जिम्मेदारी आशा पंचैरी द्वारा जनपद न्यायालय के सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी प्रख्यात आध्यात्मिक कवि गृहस्थ संत आचार्य रामप्रकाश अवस्थी के नेतृत्व में पूरे जनपद में सत्संग के प्रातः कालीन एवं सायं कालीन सत्संग आयोजन को विस्तार दिया गया है जिसके तहत महा के पहले दूसरे तीसरे सोमवार शांति स्वरूप पांडे आसाम चैराहा ,चैथे सोमवार एफसीआई गोदाम के पीछे कुमार सिंह ,पहले मंगलवार एकता नगर के राकेश शुक्ला, दूसरे मंगलवार बरहा में ऋषि पाल शर्मा ,तीसरे मंगलवार वल्लभनगर संजीव मोहन अग्रवाल, चैथे मंगलवार स्टेशन रोड विनीत अग्रवाल, पहले बुधवार आचार्य राम प्रकाश अवस्थी के राजा बाग कॉलोनी में, मनोज त्रिवेदी एडवोकेट आवास विकास कॉलोनी ,तीसरे बुधवार मंडी समिति गोपाल शर्मा ,चैथे बुधवार साहूकारा अतुल साहू, पहले बृहस्पतिवार सुरेश कुमार गुप्ता, दूसरे बृहस्पतिवार आलोक गुप्ता ,तीसरे बृहस्पतिवार बीना सिंह पुत्री गणेश सिंह, चैथे बृहस्पतिवार परुल मिश्रा, पहले तीसरे शुक्रवार रामेंद्र प्रसाद द्विवेदी, दूसरे शुक्रवार रविंद्र बाजपेई ,चैथे शुक्रवार पूज्या चाची जी, पहले शनिवार गोपाल बागवानी, दूसरे शनिवार आचार्य राम प्रकाश अवस्थी, तीसरे शनिवार एमपी सिंह चैहान ,चैथे शनिवार हरिओम बाजपेई प्रत्येक रविवार का लिया मंदिर 29 तारीख को नत्थू लाल राठौर 30 तारीख को दीपक अग्रवाल के निवास पर प्रातः 7रू30 से 8रू30 बजे तक तथा प्रतिदिन सायंकाल को कालियां मंदिर में सत्संग कार्यक्रम ध्यान साधना का आयोजन किया जाता है कालिया मंदिर में हुए सत्संग समारोह में संजय पांडे गौहर ने गुरु महाराज के चरणो में भजन सुनाते हुए कहा…. ऐसा लगता है अपने को लालो में आ गए गुरुदेव जब भी चाहने वालों में आ गए ऐसी मेरे हजूर की नजरे करम हुई हम दीर्घी से बचकर उजालों में आ गए राहे तलब में जब भी कदम डगमगाए हैं देने हमें सहारा ख्यालों में आ गए अपने पर और गैरों पे करते हैं यह दया गुरुवर के यूं ही नाम रिशालो में आ गए दस्ते कर्म हटा लिया जिन पर से आपने वो लोग जिंदगी के सवालों में आ गए गौहर खुशनसीबी हकीकत में है मेरी हम भी दो कदम चूमने बालों में आ गए। उल्लेखनीय है कि गृहस्थ रमेश चंद्र पचैरी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में अग्रवाल सभा में आज शुक्रवार से तीन दिवसीय विशाल भंडारे आध्यात्मिक आंतरिक सत्संग समारोह का शुभारंभ हो रहा है जिसमें पूरे देश के हजारों साधक भाग लेते हैं 1 वर्ष गृहस्थ संत रमेश चंद्र पचैरी के सुपुत्र का निधन हो जाने के बाद भी पंडित रमेश चंद्र पचैरी ने सत्संग का कार्यक्रम नहीं छोड़ा और अपने बेटे के अंतिम संस्कार में यह कहकर भाग नहीं लिया कि आज के दिन न जाने कितने लोगों के बेटों का देहांत हुआ होगा। गृहस्थ संत रमेश चंद्र पचैरी के जीवन के अंतिम भंडारे में पत्रकार अरुण भारद्वाज ने श्री पचैरी से जब यह सवाल किया कि आप अपने उत्तराधिकारी के रूप में किसे पाते हैं तो उन्होंने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि अभी कोई भी व्यक्ति इस पद के पात्र नहीं हैं।