वाराणसी: 16 ऊंटों को राजस्थान के सिरोही ले जाने का आदेश, पुलिस ने किया था बरामद
विधान केसरी समाचार
वाराणसी। रामनगर पुलिस द्वारा 27 जून को एक डीसीएम ट्रक में ठूंस कर ले जाए जा रहे 16 ऊंट के बच्चों को मुक्त कराया था। इन ऊंटों को रामनगर में ही एक खाली बाउंड्री में रखा गया था जहां इनके खानपान का इंतजाम वाराणसी पुलिस संभाल रही थी। इसी बीच निराश्रित पशुओं के लिए कार्य करने वाली संस्था ने इन्हें राजस्थान के ऊंट रिजर्व सिरोही भेजने की गुहार लगायी थी और कोर्ट से मांग की थी। इस मांग पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कोर्ट नंबर-1 ने इन 16 ऊंटों को राजस्थान के सिरोही ले जाने का आदेश दे दिया है और ऊंटों की अंतिरम कस्टडी गौ-ज्ञान फाउंडेशन को सौंपी है।
कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को निर्देशित किया है भी ऊंटों को सकुशल सिरोही स्थित पीपुल फॉर एनिमल आश्रय स्थल पहुंचाने के लिए व्यवस्था कराएं। गौ-ज्ञान फाउंडेशन की सूचना पर 27 जून को रामनगर पुलिस ने 16 ऊंटों को मुक्त कराते हुए तीन तस्करों को गिरफ्तार किया था। फाउंडेशन के अधिवक्ता ने बताया कि रेंजर्स के अनुसार जिस अहाते में ऊंटों को रखा गया था वहां छत नहीं थी जिससे ये लगातार मौसम की मार झेल रहे थे और बीमार भी हो रहे थे। उनकी मौत भी हो सकती है। इसलिए अदालत में याचिका दाखिल कर अनुरोध किया गया था कि सभी ऊंटों को राजस्थान के सिरोही स्थित पीपुल फॉर एनिमल आश्रय स्थल पहुंचाने का आदेश दिया जाए। वहां ऊंटों की देखरेख उनके अनुकूल मौसम में अच्छे से हो सकेगी।
जिस मालवाहक में ऊंटों को कोलकाता ले जाया जा रहा था उसके मालिक ने भी ऊंटों की कस्टडी मांगी थी। उसका कहना था कि वह ऊंटों को खरीद कर ले जा रहा था। इसपर गौ-ज्ञान फाउंडेशन के अधिवक्ता ने दलील दी कि पशु क्रूरता से सम्बंधित कानून के अनुसार केस का निपटारा न होने तक जब्त गाडी और ऊंट उसी वाहन मालिक को नहीं दिया जा सकता। इसे आधार मानते हुए कोर्ट ने उसक मांग खारिज कर दी।