कैरानाः कागजों में सिमटी साप्ताहिक बंदी, खुली दुकानें

विधान केसरी समाचार

कैराना। नगर में साप्ताहिक बंदी केवल कागजों तक सिमट कर रह गई है। कुछ व्यापारी मनमाने ढंग से बंदी के आदेशों को ठेंगे पर रखकर अपनी दुकानें खोल रहे हैं। पिछले कई सप्ताह से बाजार में साप्ताहिक बंदी की धज्जियां उड़ रही है, बावजूद इसके श्रम विभाग कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रहा है। ऐसे में श्रमिकों का शोषण कैसे रूकेगा, यह समझ से परे है।

श्रमिकों के शोषण पर रोक लगाये जाने के उद्देश्य से साप्ताहिक बंदी के आदेश प्रभावी किए गए हैं। कैराना में बुधवार के दिन साप्ताहिक बंदी घोषित है। इसका सख्ताई के साथ पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। बुधवार को साप्ताहिक बंदी के दिन नगर के मुख्य चैक बाजार में कई जगहों पर दुकानें खुली नजर आई। जहां व्यापारियों ने अपनी मनमानी के चलते ग्राहकों को सामान विक्रय किया। बताया जाता है कि इस सप्ताह ही नगर में साप्ताहिक बंदी की धज्जियां नहीं उड़ाई गई, बल्कि पिछले कई सप्ताह से यहां इसका पालन नहीं हो रहा है। पूर्व में जब-तब श्रम विभाग की टीम कैराना पहुंची, तो कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर दी गई। यही कारण है कि यहां साप्ताहिक बंदी पूर्ण रूप से लागू नहीं हो रही है। यूं कहें कि श्रम विभाग साप्ताहिक बंदी का पालन कराने में नाकाम है। सवाल उठता है कि साप्ताहिक बंदी में इस प्रकार दुकानें खुलने से श्रमिकों के शोषण पर कैसे रोक लग पाएगी। इस ओर उच्चाधिकारियों को संज्ञान लेने की आवश्यकता है।