बांदाः जालसाज महिला ने पीएम आवास के नाम पर निकाले दो लाख रूपए

विधान केसरी समाचार

बांदा। पीएम आवास योजना शहरी विकास के नाम पर फर्जी पति के नाम जालसाज महिला ने 2 लाख रूपए निकाल लिये। पीड़ित व्यक्ति ने उच्चाधिकारियों से लगाई न्याय एवं सुरक्षा की गुहार बोला साहब मैं नहीं हूं इसका पति तो पिता कहता है कि इसके इसी चरित्र हीनता के चलते इसके सास-ससुर ने घर से निकाला । अब होगी रिकबरी जाएगी जेल।

जालसाज महिला द्वारा कई सम्मानित लोगों के बिरूद्ध फर्जी मुकादमे कायम कराये । सरकार का धन खानेवाली पेशेवर जालसाज औरत है आशा । बांदा शहर के कुछ शातिर दिमाग लोगों के इशारे पर करती है यह काम । सम्मानित लोगों के खिलाफ फर्जी रिपोर्ट लिखवाना फिर उसे ब्लेकमेलिंग करना वैसे इस जालसाज महिला आशा के विरुद्ध भी कई मुकदमे दर्ज हैं किन्तु यह शातिर दिमाग रखने वाली जालसाज महिला हमेशा अपने नित्य नए शिकार में निकलती है और उन्हें हलाल करते हुए उनकी धमनियों में फंसे खून के अंतिम कतरे तक को खींच कर अपने हलक के नीचे ले जाने के प्रयास में रहती है।

यह नहीं है कि यह अकेले हैं कई ऐसे शातिर दिमाग वाले अपराधी प्रवत्ति के लोग भी हैं जो इसकी खूबियों से परिचित हैं का इस्तेमाल अपने विरोधियों के विरुद्ध करते हैं । जिसमें सामने वाला समाज में सम्मानित होते हुए भी इसके फर्जी सिकायतो का शिकार हो असहनीय पीड़ाओं के दौर से गुजरता है जबतक उसे सक्षम न्यायालय से निर्दोष करार नहीं कर दिया जाता तब तक वह अपने अमूल्य समय को जिसमें शांति होनी चाहिए उसकी जगह अशांति मानसिक पीणा की गठरी सर पर लिए घूमता रहता है। और इसके लिए जिम्मेदार है वह व्यवस्था है जो बिना जांच के एक तरफा मुकादमा कायम कर सामने वाले को यह पीड़ा झेलने के लिए विवश कर देती है।

आज हम जिस जालसाज महिला की बात करने जा रहे हैं वह थाना कोतवाली नगर बांदा के तिदवारा गांव के भोला जमादार की पुत्री आशा की है जिसकी शादी जसपुरा थाने के ग्राम आवारा के कमलेश कुमार जमादार के पुत्र रतीराम जमादार के साथ हिंदू रीति-रिवाज के साथ 16 फरवरी 2003 मे संपन्न हुई थी। किंतु अपने आशिकी मिजाजी मे बड़े बड़े सपना देखने वाली शादी के बंधन में छटपटाने लगी और पति को छोड़ अपने प्रेमी संग पति की गाढ़ी कमाई ले पहले पति को कंगाल कर कानपुर दिल्ली की सैर करने लगी। इसी सैर सपाटे के मध्य इसने अपनी एक टीम बनाकर उसका हिस्सा बन गई जिनकी सोच ही अपराधिक है ।
इन्ही कारणों के चलते इसके पिता ने इससे अपने संबंध खत्म किए फिर पहले पति ने, इसके बाद इसने कयी लोगों को अपना शिकार बनाया । जिसमें राजकुमार धूरिया, के नाम का भी सहारा लिया और राजकुमार धूरिया को जब इस साजिश का पता चला तो वह अपनी फरियाद लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए सीजेएम न्यायालय की शरण में जा न्याय की गुहार लगाई जंहा 22/9/20 को परिवारवाद में मामला दर्ज करते हुए अगली सुनवाई मुकर्रर कर दी तो शहरी आवास मामले में भी 25/2/22 को सिविल जज (जु,डि) बांदा द्वारा धारा 419, 420, 467, 468 भा0द0वि0 के तहत अभियुक्त को दोषी करार दिया । जिसके अनुपालन में चित्रकूटधाम मंडल के आयुक्त दिनेश कुमार सिंह ने 22मार्च 022को संबंधित विभाग को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे तो जिला अधिकारी बांदा ने भी माननीय न्यायालय के आदेश एंव आयुक्त के आदेश पर संबंधित विभाग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे।

इस तरह से इस महिला द्वारा हरिजन एक्ट के तहत लोगों के विरुद्ध फर्जी मुकदमे दर्ज कराना फिर सरकार से पैसा वसूल करना उस पैसों पर ऐश करने जैसे क्रिया कलाप इसकी जीवन शैली बन गई है और पीड़ा भोगते हैं निर्दोष।

आज जनपद मे यह अकेली नहीं है और कई है जो अपराधियों माफियाओं राजनेताओं के इशारे पर उनके विरोधियों के कैरियर को तवाह करने के लिए इनका ब्रम्हास्त्र के रूप में प्रयोग करते हैं । जिसमें सामने वाला फटफटा तो सकता है पर इसकी तपन से नहीं बच सकता है । देखना यह है की इस जालसाज के मकड़जाल को शासन प्रशासन तोड़ पाता है या नहीं।