बुलंदशहर: आपात स्थिति से निपटने के लिए एंबुलेंस कर्मियों को दिया जायेगा प्रशिक्षण
विधान केसरी समाचार
बुलंदशहर । स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने व आपात स्थिति से निपटने के लिए एंबुलेंस के स्टाफ को लखनऊ से आई टीम ने प्रशिक्षण दिया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन 43 से अधिक एंबुलेंस स्टाफ को प्रशिक्षित किया गया। आपात काल की स्थिति से निपटने के लिए समस्त एम्बुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि एम्बुलेंस कर्मी समय से मरीज को प्राथिमक उपचार दे सकें। जिला एंबुलेंस प्रोग्राम मैनेजर योगेंद्र कुमार ने बताया कि पहले दिन जनपद के खुर्जा सहित जिला स्तर के 42 एंबुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। जबकि दूसरे दिन जनपद के 43 एम्बुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया -108 की सभी एंबुलेंस हाईवे पर तैनात की गयी हैं, जिससे सूचना मिलते ही घटनास्थल पर चंद मिनट में एंबुलेंस पहुंच जाती है। जिसके बाद जल्दी ही मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। मरीज की हालत गम्भीर होने पर उनको बेहतर इलाज देने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया गया।
उन्होंने कहा आपात स्थिति में लोग एंबुलेंस कर्मियों को याद करते हैं। विषम परिस्थितियों में भी कर्मचारी खुद की परवाह न कर सेवाभाव को प्रमुखता देते हैं। उन्होंने बताया शासन द्वारा उपलब्ध एंबुलेंस सेवा बिल्कुल निःशुल्क है, जिसको 24 घंटे किसी भी आपातकालीन स्थिति में कोई भी व्यक्ति 108 व 102 नंबर पर फोन करके बुला सकता है। लखनऊ से एम्बुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षण देने आए एएमएलसी ट्रेनर नवनीत सिंह ने एंबुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षण के दौरान समय पर ऑक्सीजन लगाना, बीपी चेक करना, स्ट्रेचर को सही से प्रयोग करना, एंबुलेंस की साफ-सफाई और कुछ जरूरी दवाइयों के बारे में जानकारी दी। यदि मरीज को समय से ऑक्सीजन ओर प्रथिमक उपचार मिल जाता है तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया कि जनमानस की जान को हानि न हो इसलिए जनपद में संचालित एम्बुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। बता दें कि इस तीन दिवसीय ट्रेनिंग में पहले दिन जिला स्तर, खुर्जा क्षेत्र के 42, बुधवार को सिकन्द्राबाद सहित अन्य स्थानों के 43 एंबुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। अन्य एम्बुलेंस कर्मियों को तीसरे दिन प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिला प्रोग्राम मैनेजर योगेंद्र कुमार ने बताया जरूरत होने पर ही एंबुलेंस के टोलफ्री नंबर पर फोन करें। बेवजह, झूठी सूचना देकर एंबुलेंस कर्मियों को परेशान न किया जाए।