अंबेडकरनगरः तीन माह से चिकित्सक नहीं, फार्मासिस्ट के भरोसे इलाज
विधान केसरी समाचार
अंबेडकरनगर। करीब 30 हजार आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नेवादा बदहाली के दौर से गुजर रहा है। विभाग के आला अफसरों की उदासीनता से वर्ष 2021 से संचालित यह अस्पताल बीते तीन माह से बिना किसी डॉक्टर के चल रहा है। यहां मरीजों का इलाज तैनात फार्मासिस्ट द्वारा दी जा रही दवाओं के भरोसे चल रहा है। पीएचसी पर संचालित खून इत्यादि की जांच और मुफ्त दवा सुविधा का लाभ भी न मिल पाने से मरीज परेशान हैं।भियांव विकास खंड के करीब तीन दर्जन गांवों के ग्रामीणों को इलाज की बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए वर्ष 2021 में इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन शुरू हुआ था। आला अफसरों की लापरवाही के कारण साल भर में ही इस पीएचसी पर मिलने वाली इलाज की बेहतर सुविधाओं की उम्मींद टूटने लगी। इसका खामियाजा पैकोली, जैतपुर भुजगी, भीखपुर, रामगढ़, गोविंदपुर, ढाका, अमरपुर, सवरगह, शिवपाल, शाहपुर, सेहरी, बेगीकोल व मठिया सहित आसपास के अन्य गांव क्षेत्र की करीब 30 हजार आबादी को उठाना पड़ रहा है। तीन माह से पीएचसी पर किसी भी चिकित्सक की तैनाती नहीं है। डॉक्टर की गैर मौजूदगी में मरीजों का इलाज तैनात फार्मासिस्ट द्वारा हाल पूछने के बाद दवा देकर किया जा रहा है।
इतना ही नहीं जांच सुविधाएं व एलटी की तैनाती के बावजूद पीएचसी में मरीजों की शुगर, हीमोग्लोबिन व मलेरिया जैसी जरूरी जांच भी संसाधनों के अभाव में ठप है। इससे इलाज के लिए यहां आने वाले मरीजों की संख्या लगातार घटती जा रही है।
स्थानीय निवासी राजेंद्र तिवारी, मनीराम, ललित यादव इत्यादि ने बताया कि पीएचसी पर इलाज की सुविधाएं व डॉक्टर की तैनाती न होने के संबंध में की गई शिकायत के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस संबंध में सेमरा रफीगंज के सीएचसी प्रभारी डॉ. बृजेश यादव का कहना है कि उपलब्ध संसाधन में बेहतर सेवाएं देने का प्रयास होता है। अस्पताल में चिकित्सक के रिक्त पद व अन्य परिस्थितियों से अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।