मुझे कहां जाना है, इसका फैसला आप नहीं करेंगे-ओपी राजभर

 

समाजवादी पार्टी की ओर से शनिवार को जारी किए गए पत्रों ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ओर से शिवपाल यादव और ओपी राजभर को पत्र भेजकर कहा गया कि आप कहीं और जाने के लिए स्वतंत्र हैं. अब इस पत्र की लड़ाई में सुभासपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव डॉ. अरविंद राजभर भी सामने आ गए हैं. राजभर ने अखिलेश यादव के नाम एक पत्र जारी किया है. उन्होंने लिखा है कि मुझे कहां जाना है, इसका निर्णय आप नहीं करेंगे, मेरी पार्टी करेगी.

डॉ. अरविंद राजभर ने पत्र में लिखा है, ‘मैं आपसे और समाजवादी पार्टी से इसलिए जुड़ा था ताकि पिछड़ों, दलितो, कमजोर तबकों और अल्पसंख्यकों के हक की लड़ाई लड़ सकूं. मुझे लगता था कि समाजवादी पार्टी अपने नेतृत्व में इन तबकों का भला करेगी. लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि सपा से जुड़ने के बाद जब मैंने इसकी कार्यप्रणाली को करीब से देखा तो सच का पता चला. सच यह है कि आपकी पार्टी पिछड़ों, दलितो, कमजोर तबकों और अल्पसंख्यकों के हक की लड़ाई लड़ने और राजनीति में निर्वाचित सहभागी बनाने के बारे में नहीं सोचती है. राष्ट्र​पति चुनाव में मैंने द्रौपदी मुर्मू को इसलिए वोट दिया क्योंकि वे आदिवासी समाज से हैं. लड़ाई आज भी जारी है.

अनुसूचित जाति में शामिल होकर समाज को सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक सबल बनाने के लिए ​कटिबद्ध हूं. द्रौपर्दी मुर्मू हमारे बीच हैं और मैं जानता हूं कि यह बात आपको अच्छी नहीं लगी. मुझे अब कहां जाना है इसका फैसला आप नहीं बल्कि हमारी पार्टी एंव पार्टी के पदाधिकारी तय करेंगे.’ गौरतलब है कि अखिलेश के पत्र के बाद शिवपाल यादव ने ट्वीट के जरिए भतीजे अखिलेश पर पलटवार किया. शिवपाल ने लिखा, ‘मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद. राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों एवं सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है.’