अंबेडकरनगरः मानसिक रोग कभी भी किसी को भी हो सकता है- डॉ जे.के वर्मा
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अंबेडकरनगर। डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह और जानकारियां गुस्सा आना कई स्वास्थ्य समस्याओं की शुरुआत की ओर संकेत करता है।चिड़चिड़ापन या फिर ज्यादा गुस्सा शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने के कारण भी आ सकता है।
इस बारे में आज हमने बात की महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज अंबेडकर नगर के न्यूरोसाइकाइट्रिक एवं मानसिक चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष’ डॉक्टर जे. के. वर्मा से उन्होंने विस्तार से बताया…आज की व्यस्त दिनचर्या व प्रतियोगिता के दौर में चिड़चिड़ापन व ज्यादा गुस्सा आना बेहद आम बात हो चुकी है। पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ में स्ट्रेस, काम की अनियमितता और प्रेशर लोगों में इस परेशानी के सामान्य कारण होते हैं। गुस्से में आपा खो देना अब लोगों के स्वभाव में ही शामिल हो चुका है। ऐसे में अधिकांश लोग इस ओर कम ध्यान देते हैं, जबकि गुस्सा आना कई स्वास्थ्य समस्याओं की शुरुआत की ओर संकेत करता है। आइए जानते हैं कि किन खतरनाक बीमारियों के प्रारंभिक लक्षणों में ज्यादा गुस्सा आना अथवा चिड़चिड़ापन शामिल है
बर्न आउट-ये बीमारी ज्यादा काम करने, स्ट्रेस लेने या फिर कम नींद लेने के कारण होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई लोग अपनी रोजमर्रा की व्यस्त जीवन के कारण थका हुआ या फिर अधिक परेशान महसूस करते है जो बर्न आउट नामक बीमारी का रूप ले लेता है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को बात-बात पर गुस्सा आ जाता है।
थायरॉयड- शरीर के जरूरी ग्लैंड थायरॉयड में से थायरॉक्सिन नामक हार्मोन निकलता है जो शारीरिक गतिविधियों को पूरा करने के लिए आवश्यक होता है। जब शरीर में ये हार्मोन पर्याप्त मात्रा में नहीं निकल पाता है तो लोग हाइपोथायरॉयड से पीड़ित हो जाते हैं। वहीं, इस हार्मोन की कमी से भी लोगों को अधिक गुस्सा आ सकता है।
हाई ब्लड शुगर-डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों में भी मूड स्विंग्स देखा जा सकता है। चिड़चिड़ापन या फिर ज्यादा गुस्सा शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने के कारण भी आ सकता है। बता दें कि पैन्क्रियाज से निकलने वाला हार्मोन इंसुलिन जब शरीर में कम मात्रा में प्रोड्यूस होने लगता है तो इससे लोगों का बर्ताव भी प्रभावित होता है।
उच्च रक्तचाप-अगर किसी व्यक्ति को जरूरत से अधिक गुस्सा आता है तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। ऐसा हाई बीपी की वजह से हो सकता है। इसके अलावा, हांफना, जल्दी थक जाना, जरूरत से ज्यादा वजन या फिर अधिक पसीना आना भी हाई बीपी के लक्षण हो सकते हैं।
कैसे करें कंट्रोल-
डॉ जैस्मिन क्लिनिकल सायकॉलिजस्ट
आशीर्वाद न्यूरो-सायकीऐट्रिक एवं मानसिक चिकित्सा केंद्र पर उपलब्ध जनपद की एकमात्र क्लिनिकल सायकोलिजस्ट हैं। काउन्सलिंग के लिए इनसे सम्पर्क कर सकते हैं।
हेल्दी ईटिंग किसी भी परेशानी से निजात पाने के लिए बहुत जरूरी है। ज्यादा देर भूखे रहने से भी लोगों में चिड़चिड़ाहट बढ़ती है, ऐसे में समय पर खाना खाएं। पूरी नींद लें और अपनी दिनचर्या में ध्यान, प्राणायाम और व्यायाम को शामिल करें। उस बारे में न सोचें जिसके कारण आपको गुस्सा अधिक आता हो। खूब मुस्कुराएं और परिवार के साथ अधिक समय बिताएं। स्मोकिंग व शराब के सेवन से दूर रहें। स्ट्रेस कम लें और कोशिश करें कि ऑफिस की बातों को वहीं तक सीमित रखें।