सैफनीः दस सितम्बर से शुरू होगा सैफनी नगर का भूड़ा मेला
विधान केसरी समाचार
सैफनी। सैकड़ों सालों से नगर स्थित भूड़ा मणि आश्रम पर लगता आ रहा ऐतिहासिक भूड़ा मेला 10 सितम्बर से शुरू होगा। इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासन तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है।बच्चे हों या बड़े, सभी साल भर बड़ी बेसब्री के साथ मेला शुरू होने का इन्तजार करते रहते हैं।
और जैसे ही मेले का समय करीब आता है, तो कस्बे के अलावा आसपास क्षेत्र के भी दोनों समुदायों के लोगों में मेले को लेकर उत्साह बड़ने लगता है। साधू-संतों की रमणीक नगरी माने जाने वाले भूड़ा आश्रम परिसर में सालाना मेले में जहां दूर-दूर से महात्मा और साधू-संत पहुंचकर भजन-कीर्तन कर माहौल को भक्तिमय बनाते हैं।तो वहीं, मुस्लिम समाज के लोग भी बड़े उत्साह के साथ मेले में पहुंचते हैं। दर्शकों के रूप में हो या मेले में लगने वाली दुकानें, खेल तमाशे हों या दंगल का आयोजन, सभी में मुस्लिम समाज के लोग भी बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं। वहीं, मेले के दौरान आश्रम पर भण्डारे में वितरित होने वाले प्रसाद को भी दोनों समुदाय के लोग बड़े ही प्रेम भाव के साथ ग्रहण करते हैं।वहीं पिछले दो वर्षों से कोरोना के चलते मेले का आयोजन नहीं किया गया था।
अगर भूड़ामणि का इतिहास के पन्नों को पलटा जाये तो सैफनी नामक गांव अपने सीने में अनेक राज समेटे हुए है। यहां के भौगौलिक इतिहास पर बुजुर्गों का कहना है कि सैफनी क्षेत्र का इतिहास अति प्राचीन है जिसको पहले सहस्त्रफणी के नाम से जाना जाता था।एसडीएम अरुण मणि तिवारी व थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र सोलंकी ने व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंच रहे हैं।वैसे तो प्रशासन द्वारा मेले में लगने वाले दंगल, वाहन स्टैंड और तहबाजारी का ठेका खुली बोली के माध्यम से निजी हाथों में सौंप दिया जाता है। लेकिन, मेले के दौरान शांति व्यवस्था बनाये रखना, मेले के आयोजन पर पूरी देखरेख का जिम्मा पुलिस-प्रशासन के हाथों में होता है। शाहबाद एसडीएम और थाना प्रभारी ने भूड़ा आश्रम पर पहुंचकर व्यवस्थाओं को जायजा लिया। एसडीएम ने आश्रम परिसर में चल रहे पुताई कार्य को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। साथ ही, खासतौर पर मेले के दौरान आश्रम परिसर और मार्गों पर सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए सफाई कर्मचारियों को निर्देशित भी किया।