प्रतापगढः जमीनी विवाद में हुए खूनखराबे को लेकर दर्जनों आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज, जांच में जुटी पुलिस

विधान केसरी समाचार

प्रतापगढ़। जनपद के लालगंज तहसील अंतर्गत जमीनी विवाद को लेकर लालगंज कोतवाली के पूरे इच्छाराम गांव में रविवार की शाम दोनों पक्षों की ओर से पुलिस ने प्रधान व अधिवक्ता समेत दर्जनों आरोपियो के खिलाफ हत्या के प्रयास तथा तोडफोड व बलवा समेत कई गंभीर धाराओं मे केस दर्ज किया है। एक पक्ष के चार आरोपियो को पुलिस ने सोमवार को जेल भी भेज दिया। वहीं बवाल में सोशल मीडिया पर वायरल हुई लाइसेंसी बंदूक को पुलिस ने कब्जे मे ले लिया। इधर जमीनी विवाद के कारणों की जांच पडताल के लिए सोमवार को राजस्व टीम भी गांव पहुंची। हालांकि बवाल में सीओ ने सोमवार को भी फायरिंग की बात को पूरी तरह तथ्यविहीन एवं भ्रामक करार दिया है।

लालगंज कोतवाली के पूरे इच्छाराम गांव में जमीन पर टिन शेड रखने को लेकर रविवार की शाम दो पक्ष खून खराबे पर उतर आये। कहासुनी के बाद चले ईट पत्थरों से दोनों पक्षों के लोग गंभीर रूप से चुटहिल हो गये। घटना में एक आरोपी के हाथ लाइसेंसी बंदूक का वीडियो वॉयरल होने से पुलिस के हाथ पांव फूल आये। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाइसेंसी बंदूक को कब्जे मे लेते हुए कुछ लोगों को पूछताछ के लिए कोतवाली उठा लायी। रविवार की देर रात एक पक्ष के दिनेश कुमार धनगर पुत्र कलेशर की तहरीर पर पुलिस ने आधा दर्जन आरोपियो के खिलाफ हत्या के प्रयास, बलवा, मारपीट तथा धारदार हथियार से हमला, गालीगलौज व धमकी तथा दहशतगर्दी का केस दर्ज किया है। तहरीर के आधार पर गांव के प्रधान कालूराम यादव पुत्र शंकर, जय नारायण, ललित नारायण पुत्रगण कालूराम, शिवरंजन उर्फ सत्यम पुत्र रामेश्वर, अजय कुमार पुत्र नन्हेंलाल तथा हरीराम पुत्र ननकू के खिलाफ एकराय होकर लाठी व कुल्हाडी तथा बंदूक, राइफल एवं अवैध असलहों से लैस होकर पीडित के दरवाजे पर जानलेवा हमले का केस दर्ज किया गया है।

तहरीर मे कहा गया है कि फायरिंग कर आरोपियो ने दहशत फैलाते हुए बंदूक व राइफल के बट से पीडित तथा औसान पाल पुत्र रामबहादुर, महेश धनगर पुत्र कलेसर, दिनेश धनगर व छोटे लाल पुत्र रामदास तथा पीडित की बहन शीला को मारपीट कर लहूलुहान कर दिया। पुलिस ने घटना मे नामजद प्रधान कालूराम तथा उनके पुत्र अधिवक्ता जय नारायण यादव व हरीराम तथा ललित को सोमवार को जेल भेज दिया। वहीं पुलिस ने जय नारायण की मां सरजू देवी के नाम लाइसेंसी बंदूक को भी कब्जे मे ले लिया है। पुलिस का कहना है कि लाइसेंसी बंदूक महिला के नाम है तथा सोशल मीडिया पर वायरल होने से उसके दुरूपयोग की जांच की जा रही है। इधर सोमवार को दूसरे पक्ष की ओर से तहरीर के आधार पर ग्यारह आरोपियो के खिलाफ हत्या के प्रयास, तोडफोड व मारपीट व बलवा समेत गंभीर धाराओं मे केस दर्ज किया गया है। दूसरे पक्ष के प्रधान कालूराम यादव की पत्नी सरजू देवी ने पुलिस को दी गई तहरीर मे कहा है कि रविवार को शाम चार बजे गांव के कलेसर पाल पुत्र रामदास, औसान पाल पुत्र रामबहादुर व महेन्द्र पाल, जितेन्द्र पाल सुतगण भगवानदीन, अनिल पाल पुत्र दीपक, दिनेश पाल पुत्र कलेसर, सुरेन्द्र पुत्र छोटेलाल, बद्रीनाथ यादव व राम नारायण तथा लक्ष्मण पुत्रगण रामनरेश यादव एकराय होकर अवैध असलहे से लैस होकर जबरिया सरकारी जमीन पर टिन शेड लगाने लगे। प्रधान के विरोध करने पर आरोपियो ने घर मे घुसकर ईट पत्थर से जानलेवा हमला किया। पीडिता का कहना है कि हमलावरो से जान बचाने के लिए उसने अपनी लाइसेंसी बंदूक परिवार के सदस्यों की जान की रक्षा के लिए लड़के जय नारायण को दे दी।

आरोपियो ने पीडिता के घर पर खडी बोलेरो को भी तोडकर नष्ट कर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपियो के खिलाफ गंभीर धाराओं मे केस दर्ज किया है। प्रभारी निरीक्षक कमलेश पाल का कहना है कि दोनों पक्षों की ओर से केस दर्ज किया गया है, जांच कर कार्रवाई की जा रही है। इधर घटना के बाबत सीओ रामसूरत सोनकर ने सोमवार को बताया कि बंदूक से फायरिंग की बात भ्रामक है, मौके पर एक डिब्बी को खोखे के रूप में प्रदर्शित कर भ्रम फैलाया गया है। कोतवाली पुलिस को जांच के निर्देश दिये गये हैं। किसी भी दशा मे घटना के आरोपी बच नहीं सकेंगे। इधर सोमवार को खून खराबे का केंद्र बनीं जमीन की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए गांव में राजस्व टीम भी पहुंचकर पडताल मे जुटी दिखी। एसडीएम सौम्य मिश्र के मुताबिक राजस्व टीम को विवादित जमीन की पडताल कर रिर्पोट देने के निर्देश दिये गये हैं।