हैदरगढ़: सालों से नदारद हैं पशु चिकित्सक, निजी आवास पर चला रहे प्राइवेट क्लीनिक, गैरमौजूदगी में सरकारी दस्तावेजों में दर्ज होती है उपस्थिति
विधान केसरी समाचार
हैदरगढ/ बाराबंकी। ब्लाक हैदरगढ़ अंतर्गत चैबीसी पशु चिकित्सा केंद्र में चिकित्सक पद पर तैनात डा रजनीश चंद्रा अपने समूर्ण कार्यकाल में अधिकतर नदारद रहे हैं। ग्रामीणों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार जब भी डा रजनीश चंद्रा अस्पताल आते हैं तब वो रजिस्टर में महीनों की रिक्त पड़ी अनुपस्थिति को उपस्थिति में परिवर्तित करते हैं जिसमे अपनी सारी उपस्थिति एक ही दिन में भर कर चले जाते हैं यह क्षेत्रीय लोगों का कहना है। क्षेत्र की भारी संख्या में लोग डाक्टर को न पहचान कर वहां के चैकीदार व फार्मसिस्ट को ही अभी तक डॉक्टर समझा है क्यों की डाक्टर की गैरमौजूदगी की वजह से लोग डाक्टर से मुखातिब नही हैं व यहां नियुक्त फार्मासिस्ट ही अपने अनुभव के अनुसार जानवरों का इलाज करते है। सरकार से वेतन लेकर तैनात डा रजनीश चंद्रा कभी न आकर अपने गृह आवास इंदिरा नगर सेक्टर जे अलीगंज मकान नंबर ठ 13ध्ब पर प्राइवेट स्पार्स पेट नाम से क्लीनिक संचालित किए हुवे हैं। जो सरकार के मंशा अनुकूल नही है।आज तक बगैर किसी जानकारी के विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से वेतन रूपी सरकारी रुपए का दुरुपयोग किया गया है । पशुचिकित्सा विभाग की आंख पर बंधी काली पट्टी का खामियाजा क्षेत्रीय जनमानस के द्वारा पाले गए गोवंश वा जानवरों को भुगतान करना पड़ रहा।
एक नजर इधर,क्या कहते हैं गांव के वासी-
प्रधान प्रतिनिधि गौरव सिंह
मैने पशु चिकित्सा केंद्र पर तैनात डाक्टर रजनीश चंद्रा को सदैव ही अनुपस्थित देखा है यही वजह है की चैबीसी की जनता से उनकी पहचान छिपी हुई है लोग फार्मासिस्ट पवन तिवारी के सिवाय वहां कौन डाक्टर है डाक्टर की गैरमौजूदगी की वजह से नही पहचानते।
गिरिजाशंकर शर्मा
यहां कभी नही आते डाक्टर चिकित्सालय में मौजूद पवन तिवारी ही अपनी सूझ बूझ से हमारे जानवरों का इलाज करते हैं।
श्रीकांत शर्मा
जबसे डा रजनीश चंद्रा की तैनाती हुई है तब डाक्टर साहब को अस्पताल परिसर मे नही देखा, यहां केवल पवन तिवारी हैं जो क्षेत्रीय सभी जानवरों का समय पर उपचार करते हैं, लेकिन डाक्टर साहब यहां नही आते।