रायबरेलीः स्वास्थ्य मित्र बनाने के नाम पर किया जा रहा फर्जीवाड़ा

विधान केसरी समाचार

रायबरेली। गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा बेरोजगार युवक युवतियों और भोले-भाले ग्रामीणों को आये दिन ठगने के मामले सामने आते रहते हैं। बावजूद इसके रायबरेली का प्रशासनिक अमला इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। दिन के उजाले में एक गैर सरकारी संस्था बेरोजगार युवक युवतियों के साथ स्कैम चलाकर ठगी कर रही है और जिम्मेदार अधिकारी जानकारी न होने की दुहाई दे रहे हैं।

सदर क्षेत्र के मधुबन रेलवे क्रॉसिंग से करीब 100 मीटर की दूरी पर एक घर में भारत की प्रथम महिला अध्यापिका के नाम से संचालित संस्था की आड़ में बेरोजगार युवक- युवतियों के साथ सीधे-साधे ग्रामीणों को रोजगार देने के नाम पर कथित योजना चलाई जा रही है उनसे 500, 600,1000 रुपये लेकर ठगी किया जा रहा है।

क्या है स्कैम-

महिला स्वास्थ्य जागरुकता के नाम पर जिले के प्रति ब्लॉक,ग्रामसभा और जिले में प्रभारी के रूप में महिलाओं को नियुक्त किया जा रहा है। एक स्थानीय निवासी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि जिले की प्रति ग्राम सभा में महिलाओं को 500 रुपये जमा कराकर स्वास्थ्य मित्र के रूप में तैनात किया गया है जिनको पाँच हजार रुपये प्रतिमाह देने का आश्वासन दिया गया है, इसी तरह ब्लॉक स्तर पर सुपर वाइजर की तैनाती के नाम पर भी महिलाओं से 500 रुपये शुल्क जमा करा कर उन महिलाओं को दस हजार रुपये प्रतिमाह और जिला प्रभारी के रुप मे तैनाती देकर 1000 रुपये लिया गया जिसे पन्द्रह हजार रुपये प्रतिमाह संस्था की ओर से देने का आश्वासन दिया गया है। अब सोचिए इतनी भारी-भरकम राशि कहाँ से आएगी? अपने आप में यह बड़ा सवाल है। जानकारी करने पर पता चला कि इस कथित योजना के नाम पर कोई सरकारी अनुदान या मदद नहीं प्राप्त है।

कैसे कथित पद पर होगी नियुक्ति-

ग्राम सभा में तैनात की जाने वाली महिला को 60 फार्म दिये जायेंगे जिन्हें सीधे-साधे प्रति ग्रामीण 100 रुपये के एवज में फार्म भरना है और फिर वही 60 ग्रामीण महिलाएं संस्था को 500 रुपये शुल्क व 150 रुपये महावारी के दौरान उपयोग किये जाने वाले सेफ्टी पैड देने के नाम पर 650 यानी कुल 750 रुपये देना अनिवार्य होगा।

किस तरह से किया जायेगा फर्जी वाड़ा-

जिले में कुल 18 ब्लॉक हैं और 989 ग्राम सभा और जिले की कुल आबादी 3,405,559 (आंकड़ा) है जिनमें से महिलाओं की जनसंख्या 1,653,017 है संस्था का लक्ष्य हर महिला तक पहुँच कर उससे ठगी करने का है ।
प्रति ग्राम सभा में संस्था की ओर से कथित तौर से नियुक्त की गई स्वास्थ्य मित्र संस्था की ओर से दिए गए कम से कम 60  फार्म महिलाओं के भरेगी जिनसे 100 रुपये वसूलेगी जिसका कोई हिसाब-किताब नहीं होगा। फिर वही 60 महिलाएं संस्था के कार्यालय पहुँच कर 500 ़ 150 रुपये जमा करेगी।

अब आँकड़े देखिए-

(1) कुल ग्राम सभा 989 हैं प्रति ग्राम सभा में नियुक्त कथित स्वास्थ मित्र जिनसे 500 रुपये लिए गये हैं। मतलब प्रति महिला स्वास्थ्य मित्र से लिए गये रूपयें 500×989= 4,94,500 रुपये
तो जिले की सभी 18 ब्लॉक पर नियुक्त कथित सुपर वाइजर से भी 500 रुपये लिए तो 18×500=9000 रुपये  और जिला प्रभारी 1000 रुपये। इसी तरह वह स्वास्थ्य मित्र महिलाएं 60 फार्म भरेंगी जिनसे फार्म भरने के नाम पर 100 फिर संस्था में 500 और फिर सेफ्टी पैड के नाम पर 150 रुपये यानी 100़500़150= 750 अब इसी तरह वह 60 महिलाएं 750 रुपये जमा करेंगी यानी 750×60=45000 रुपये भरेंगी।  यह तो सिर्फ एक स्वास्थ्य मित्र का है अब 989 ग्राम सभा का देखिए 45000×989= 4,4505000 रुपये होते हैं।इसके साथ ही स्वास्थ्य मित्रों से ली गई राशि 4,94,500 और 18 ब्लाकों पर तैनात कथित सुपर वाइजरों से लिए 9000 मिलाकर अब कुल खेल 4,50,09,5000 रुपये का किया जा रहा है। इस तरह कार्यालय में बैठकर कथित स्कैम चलाया जा रहा है। इसके साथ यह संस्था महिलाओं से ही ज्यादा कार्य करवा रही है जिससे 200 से 300 महिलाओं का कार्यालय में आवागमन होता है जिसकी सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल है।

बड़ी बात तो यह है कि स्वास्थ जागरुकता के नाम करोड़ों रुपये का स्कैम चलाया जा रहा है और स्वास्थ विभाग के मुखिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लेकर प्रशासनिक अमले को खबर नहीं है। कई बार देखा गया है कि बड़ी-बड़ी संस्थाएं गरीबों का पैसा डकार कर फरार हो गई हैं। इन सब से भी प्रशासन सबक नहीं सीख रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है यदि जल्द इसपर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो यह संस्था ग्रामीणों की जेबों पर डाका डालकर संस्था फरार हो जायेगी तब प्रशासन हाथ मलता रह जाएगा।  इस बावत मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि ऐसी कोई संस्था द्वारा स्वास्थ्य जागरुकता अभियान चलाने की जानकरी नहीं है ।