अंबेडकरनगरः एसटीएफ ढूंढ रही है सादिक मूसा को और ईडी की निगाहे पड़ी अवैध संपत्ति पर

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अंबेडकरनगर। बीएसपी शासनकाल से सैयद सादिक मूसा को नेताओं के संरक्षण में अवैध कमाई का शौक लगा। बसपा में मंत्री रहे रामअचल राजभर के बड़े करीबी माने जाते थे। बताया जाता है कि हर वक्त नेता के आगे पीछे सादिक मडरते रहते थे। 2017 के बाद सत्ता बदलते ही सादिक मूसा नेता बदल देते थे। अब भारतीय जनता पार्टी की शरण में देखे जा रहे हैं, महंगी गाड़ियों का ज्यादा शौक था करोड़ों करोड़ों रुपए की गाड़ियां सादिक ने खरीद रखी है। लखनऊ और फैजाबाद में फॉर्म हाउस भी है। इस वक्त अरबों का मालिक बताया जा रहा है। सचिवालय में अच्छी पैठ होने के कारण हर काम इनका चुटकियों में होता था। पूरा मामला उत्तराखंड 2021 पेपर लीक से जुड़ा हुआ है। चयन आयोग पेपर लीक (न्ज्ञैैैब् च्ंचमत स्मंा) मामले में दो आरोपियों पर एसटीएफ ने इनाम घोषित किया है। सैयद सादिक मूसा और योगेश्वर राव के ऊपर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। दोनों ही उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। सैयद सादिक मूसा उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर का, वहीं योगेश्वर राव लखनऊ का रहने वाला है। खबर के मुताबिक एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सादिक मूसा और योगेश्वर राव अभी फरार हैं। इसीलिए इनाम घोषित किया गया है।

उन्होंने बताया, इस मामले में अब तक 33 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) एक्शन मोड में है। मामले में गिरफ्तार किए गए 33 आरोपियों में से 21 के खिलाफ पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज कर चुकी है।

एसएसपी अजय सिंह ने आगे बताया कि कुछ आरोपियों के पास से करोड़ों रुपये की संपत्ति का पता चला है. इसके बाद एसटीएफ आरोपियों की चल-अचल संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई जल्द शुरू कर सकती है.
सादिक पर इनाम घोषित होने के कारण अंबेडकर नगर की पुलिस सादिक मूसा के ठिकानों पर ढूंढ रही है।