सीतापुरः मामूली सी बीमारी पर मरीज को जिलाअस्पताल न रेफर करें -जिलाधिकारी

विधान केसरी समाचार

सीतापुर। मंगलवार को जिलाधिकारी अनुज सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक हुयी। बैठक में समस्त टीकाकरण से छूटे बच्चों को उनके डयू खुराकों से आच्छादित किये जाने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिए। उन्होंने बूस्टर डोज क्यों छूट रहे हैं, डीपीटी टीके की प्रथम डोज एवं द्वितीय डोज की भी जानकारी ली।

उन्होंने निर्देशित किया कि नगरीय क्षेत्र से आशाओं को न हटाया जाये और न ही आशाओं का इंटरव्यू लिया जाये। आशाएं स्थानीय निकाय की कर्मचारी होती है, न की स्वास्थ्य विभाग की कर्मचारी। उन्होंने आशाओं के सर्वे के काम की जानकारी करते हुये उसको अपडेट किये जाने हेतु निर्देश दिए। डिप्थीरिया बीमारी कैसे होती है व इसके लक्षण कैसे होते हैं, इसकी भी जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित किया कि स्कूलों में टीकाकरण कराने हेतु पहले से कैलेण्डर व इसका रोस्टर बना लिया जाये।

ताकि टीकाकरण किये जाने से अधिक से अधिक बच्चों को आच्छादित किया जा सके। उन्होंने कहा कि एएनएम को बच्चों का टीकाकरण करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिये कि बच्चा पहले से बीमार तो नहीं चल रहा है। उसे बुखार तो नही आ रहा है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण संबंधी कार्य में जिला पूर्ति अधिकारी व पंचायत सहायक की भी सहायता लेनी चाहिये। जिस गांव में टीकाकरण किया जाना है, वहां पर टीकाकरण से एक-दो दिन पहले इसका प्रचार-प्रसार कर देना चाहिये। ताकि टीकाकरण से पहले लोगों को इसकी जानकारी हो सके व अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि जहां पर टीकाकरण छूटा हुआ है, वहां पर कैलेण्डर व रोस्टर बनाकर टीकाकरण किया जाना है। जिससे माध्यमिक व बेसिक स्कूलों के बच्चो को अधिक से अधिक कवर किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान जिन बच्चों का टीकाकरण किया गया था, की भी लिस्ट चेक कर लें, ताकि इससे भी बच्चों को अधिक से अधिक आच्छादित किया जा सके।

पीएचसी व सीएचसी अधीक्षकों से कहा कि मामूली बीमारी से ग्रसित लोगों को जिला अस्पताल रेफर नही करना चाहिए। पीएचसी में अधिक से अधिक सुविधा मिलनी चाहिये, ताकि अधिकाधिक मरीजों का इलाज यहीं से सम्भव हो सके। उन्होंने कहा कि जनपद में छोलाछाप डाक्टर बहुत हो गये हैं, इसकी रोकथाम किया जाना बहुत ही आवश्यक है। छोलाछाप डाक्टरों की परम्परा को किसी भी हाल में कम करना होगा। उन्होंने संबंधित को निर्देशित करते हुये कहा कि हमको ओपीडी का समय बढ़ाना होगा, ताकि हम अधिक से अधिक मरीजों को इलाज की सुविधा प्रदान कर सकें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी आवश्यक रूप से ओपीडी करेंगे। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अक्षत वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा मधु गैरोला, बेसिक शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार आदि मौजूद रहे।