हैदरगढ़: चल रही रामलीला के पांचवे दिन किया गया धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद की लीला का मंचन
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हैदरगढ़ /बाराबंकी। हैदरगढ़ नगर में चल रही 15 दिवसीय रामलीला महोत्सव में आज पंचम दिवस की लीला में धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद का मंचन किया गया।लीला मंचन के तहत स्वयंबर समारोह में विभिन्न राज्यों से पधारे राजाओं द्वारा धनुष भंग ना होने पर राजा जनक की वेदना सुन महर्षि विश्वामित्र प्रभु राम को आज्ञा देते हुए कहते हैंउठहु राम प्यारे तनक,मेटहु जनक विषाद।करहु दण्ड के खण्ड युग,होय सबै अहलाद।।गुरु को प्रणाम कर प्रभु राम धनुष भंग कर माता जानकी को अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार करते हैं।।शिव धनुष भंग होने से क्रोधित मुद्रा में महेंद्र पर्वत से पधारे परशुराम जी जनक के स्वयंवर सभा में पहुंचते है।जहां पर उपस्थित समस्त राजा उन्हें प्रणाम कर अपना अपना परिचय देते हैं।
तब जनक उन्हें सीता स्वयंबर के आयोजन की जानकारी देते है।अत्यन्त क्रोधी ऋषि परशुराम जी के पूछने पर कि शिव धनुष तोड़ने वाला कौन है ? तब प्रभु श्रीराम कहते है – शिव धनुष तोड़ने वाला भी कोई शिव का प्यारा होगा।जिसने ऐसा अपराध किया वह दास तुम्हारा ही होगा।।प्रभु राम के इतना कहने पर भी भगवान परशुराम का क्रोध शांत नहीं होता और वे लगातार कठोर वचन बोलते हैं जिससे क्रुद्ध होकर लक्ष्मण भी संवाद करने लगते हैं। अंत में भगवान परशुराम के कहने पर जब प्रभु राम उनके धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाते हैं और अपने वास्तविक स्वरूप को दिखाते हैं तब जाकर शांत हुए भगवान परशुराम वापस महेंद्र पर्वत की ओर लौट जाते हैं।
समिति के प्रबन्धक पुरुषोत्तम अग्रवाल,राजेश अग्रवाल,इंदर चन्द्र अग्रवाल ,सूर्यकांत अग्रवाल, गोबिंद कुमार अग्रवाल,गोपाल अग्रवाल, गणेश अग्रवाल,आशीष अग्रवाल, पंकज अग्रवाल,अनन्त मिश्र ( राम ) श्याम जी अग्रवाल, माधव अग्रवाल, , अंशुमान अग्रवाल, विनय अग्रवाल,आदि सदस्य सहित भारी संख्या में लीला प्रेमी उपस्थित रहे।