महोबा: पुष्टाहार लेने को दौड़े नौनिहाल, खिल उठे चेहरे

विधान केसरी समाचार

महोबा। कुपोषण को मिटाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार भरपूर प्रयास कर रही हैं। पोषण माह के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में विभिन्न प्रकार की गतिविधयों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। मंगलवार को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पुष्टाहार वितरण हुआ। 7 माह से 6 वर्ष के कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों, गर्भवती तथा धात्री माताओं एवं किशोरियों को कुपोषण से बचाने के उद्येश्य से अनुपूरक पुष्टाहार उपलब्ध कराया गया। पुष्टाहार पाकर नौनिहालों के चेहरे खिल उठे।

सुपोषित भारत की परिकल्पना को लक्षित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य जन आंदोलन और जन भागीदारी से कुपोषण मिटाना है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी के एन तिवारी ने बताया कि जनपद के सभी 881 आंगनबाड़ी केंद्रों में 72 हजार बच्चे पंजीकृत हैं।इनमें 1800 बच्चे कुपोषित और 157 अतिकुपोषित की श्रेणी में हैं। उन्होने बताया कि 7 माह से 6 वर्ष के कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों और गर्भवती, धात्री माताओं एवं किशोरियों को कुपोषण से बचाने के उद्देश्य से अनुपूरक पुष्टाहार बांटा गया है। डीपीओ ने बताया कि एक साथ सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों, गर्भवती व धात्री मातओं को पुष्टाहार बांटा गया है। लाभार्थियों को प्रत्येक महीने देने का प्रावधान है।
कबरई ब्लाक के किडारी गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अंजना शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य व सफाई पर ध्यान रख महिलाएं न केवल अपना बल्कि पूरे परिवार का हित सुरक्षित करती हैं। इस जीवन में हम अन्य कार्यों को निपटाना तो याद रखते हैं लेकिन अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते। परिणामस्वरूप पूरे परिवार को परेशानी उठानी पड़ती है। इसी कड़ी में सीडीपीओ कमलेश शर्मा ने उपस्थित लोगों को बाल विकास विभाग से मिलने वाले सहयोग की जानकारी उपलब्ध कराई।

किडारी गांव की 22 वर्षीय रेशमा ने बताया कि दो महीने पहले उसने जिला महिला अस्पताल में पुत्री का जन्म दिया। पति खेतिहर मजदूर है। उसे आंगनबाड़ी केंद्र में बुलाकर पुष्टाहार का पैकेट दिया है। वह इसका सेवन करेगी। इससे उसके बच्ची की सेहतमंद बनेगी।