मऊ: वर्तमान समय शहीद- ए-आजम भगत सिंह के विचार अप्रासंगिक – लालबहादुर सिंह
विधान केसरी समाचार
घोसी/मऊ। उम्मीद फाउंडेशन एवं सरकारीकरण आंदोलन मंच के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को महान स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी, शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की जयंती नगर के मझवारा मोड़ स्थित एक होटल के सभागार में धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त किये प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह व सम्मान पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर मौजूद लोगों ने सरदार भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया और देश को आजादी दिलाने में किए गए उनके योगदान को याद किया।
मुख्य वक्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को पंजाब प्रांत के लायलपुर के बंगा गांव में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। उनके पिता सरदार किशन सिंह और चाचा अजीत सिंह जेल में थे। वह भी क्रांतिकारी थे। बाद में चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन बनाई। क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद ने ब्रिटिश शासन से बदला लेने के लिए 17 दिसंबर 1928 को जेपी सांडर्स की हत्या कर दी।
जिसके आरोप में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई गई। वर्तमान समय भगत सिंह के विचार अप्रासंगिक हो रहे हैं और शासन सत्ता में बैठे लोग गलत इतिहास बताकर नौजवानों को गुमराह कर रहे हैं। आज युवाओं को भगत सिंह से प्रेरणा लेकर समान शिक्षा, समान रोजगार और समतामूलक समाज की स्थापना के लिए आगे आना होगा। विशिष्ट वक्ता भाकपा केंद्रीय कमेटी के सदस्य मु. सलीम ने भगत सिंह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा भगत सिंह ने ऐसे भारत का सपना देखा था जहां मानव से मानव का शोषण न हो। वे आजीवन अन्याय, शोषण व जाति आधारित व्यवस्था के खिलाफ बिगुल फूंकते रहे। सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा. जय प्रकाश राय धूमकेतु की अध्यक्षता व शिक्षक नेता मनोज कुमार सिंह के संचालन में चले इस जयंती समारोह में डा. बाबूराम पाल, ओमप्रकाश सिंह, डा. बशर, शफकत तकी, काजी मोशफ्फे जमाल उर्फ चंदू भाई, फखरे आलम, अरविंद मूर्ति आदि ने सम्बोधित किया।
रमेशचंद्र पांडेय, राना खातून, आद्याशंकर मिश्रा, स्वामीनाथ राय, सरिता चैरसिया, इफ्तेखार अहमद, उदयभान राय, प्रभुनाथ सिंह, नुरुल इस्लाम, सलमान घोसवी, अबरार घोसवी, विनोद सिंह, अरविंद पांडेय, हरिश्चंद्र दुर्गेडकर, रविंद्र यादव, मुशीर अहमद, नारायण लाल, ब्रिकेश यादव, मरछूराम प्रजापति, कमलेश यादव, संजय सिंह, हरिंद्र चैरसिया आदि मौजूद रहे। इसी कड़ी में रामलगन पीजी कॉलेज में भी भगत सिंह की जयंती मनाई गई जिसकी अध्यक्षता पर्यावरणविद् शैलेन्द्र ने किया। जिसमें युवा शायर सलमान घोसवी ने अपने गीत के जरिए भगत सिंह पर रौशनी डालकर लोगों से वाहवाही लूटी। इस अवसर पर सुहेल अहमद, पूजा राय, आयशा खान, कनक तिवारी, डा. एस.खालिद, साधना यादव, गीता पांडेय, तज्जू उदास, सरफराज खान, शादाब अंसारी, मेराजुल गनी, मास्टर अब्दुल्लाह, अभिषेक सिंह, आफताब पठान, हम्माद बावर्ची, निशा, पूजा राय आदि मौजूद रहे।