महोबा: किशोरियों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के दिए टिप्स
विधान केसरी समाचार
महोबा। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत जिला महिला अस्पताल में संचालित साथिया क्लीनिक में किशोरियों को स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण विषय की जानकारी दी गई। इस दौरान किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों के बारे में बताया गया।
काउंसलर रजनी चैरसिया ने कहा कि एनीमिया प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या है। इसका मुख्य कारण अल्प पोषण व खानपान में कमी होना है। किशोरावस्था में निरंतर शारीरिक व मानसिक बदलाव होते हैं। इसलिए इस दौरान किशोरियों को खानपान का उचित ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ्य किशोरी से ही बेहतर कल का निर्माण होता है। इसलिए माता-पिता का दायित्व बनता है कि किशोरियों के पोषण का सर्वाधिक ध्यान रखें। उन्होंने किशोरियों को संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाने व अपने हाथों की बार-बार सफाई करने के लिए भी प्रेरित किया। माहवारी के वक्त होने वाली परेशानियों पर चर्चा की। सेनेटरी पैड, आयरन व फोलिक एसिड टैबलेट भी दी गई।
आरकेएसके डीईआईसी मैनेजर डॉ. अंबुज गुप्ता ने कहा कि सांस फूलना, जल्दी थक जाना, भूख न लगना, चक्कर आना व माहवारी में परेशानी होना आदि एनीमिया के लक्षण हो सकते हैं। यदि किसी किशोरी को इस प्रकार की समस्या आ रही है तो उसे अपने पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपना परीक्षण कराना चाहिए। किशोरावस्था 10 से 19 वर्ष की आयु का अंतराल है। इस दौरान किशोर किशोरियों में शारीरिक व मानसिक विकास और परिवर्तन तेजी से होते हैं। इन परिवर्तनों को समझ पाने में किशोर व किशोरी स्वयं को भ्रम की स्थिति में पाते हैं। इससे उनका स्वास्थ्य व वृद्धि प्रभावित होती है। इसमें समुचित विकास के लिए पोषण एक महत्वपूर्ण कारक है। इसलिए पोषण पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
शहर के समद नगर की रहने वाली 16 रितिका बदला हुआ नाम ने बताया कि उन्हें माहवारी के वक्त बहुत परेशानी होती थी। शर्म की वजह से उसने अपनी मां को नहीं बता पाती थी। उसकी सहेली ने उसे साथिया केंद्र के बारे में बताया और यहां लेकर आई। उसने यहां काउंसलर की अपनी बात बताई। उनकी सलाह पर डाक्टर को दिखाया। अब वह ठीक है।