अतर्रा: साहित्यकार रामअवतार साहू की सातवी पुस्तक जल्द ही बाजार पर होगी लांच
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अतर्रा। मूल रूप से अतर्रा नगर के बिसंडा रोड बाऊर बाजार निवासी साहित्यकार एवं सेवानिवृत्त शिक्षक रामअवतार साहू लगातार साहित्य के क्षेत्र में नए-नए प्रयास करने में डटे हुए हैं स साहित्यकार रामअवतार साहू ने बुधवार की देर शाम को अपने आवास पर रचना को अपने मन के भावों में जन्म देकर उसे किताबों का रूप देने की बात करें जो निम्नलिखित इस प्रकार है। जो अक्सर खोदते मुर्दे नजर कंकाल आते हैं, जो प्रायः जहर हैं बोते विषैली फसल पाते हैं स भीषण धूप में तपसी चढ़ाते मेड़ में माटी, हैं भरते पेट ये जग का मगर आँसू बहाते हैं स बेखौफ होकर सिरफिरे पाखंड रचते हैं, उजालों को व्यथित करके तिमिर के गीत गाते हैं स धैर्य के नगमें समर्पित कामगारों को, हौसले दिल के अभावों में समाते है स साधन हीन होकर के सदा ही जूझते आये, संतोष के महिमा का फल इनको सिखाते हैं स कष्ट की चादर लपेटे ही दिखा करते,खुशियाँ बाँटते सबको सफर में टूट जाते हैं ।
ज्ञात रहे रिटायर्ड शिक्षक एवं साहित्यकार रामअवतार साहू की 6 पुस्तकें प्रकाशन के बाद बाजारों पर उपलब्ध है स उनकी सातवी पुस्तक प्रयागराज के रुद्रादित्य प्रकाशन में तैयार हो रही है स उन्होंने अपनी 6 पुस्तकों को जन जन तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत होने की बात बताई है