झूठ पकड़ने की मशीन लगें, तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे
यूं तो पूर्व सरकारों के क्रियाकलापों से परेशान उत्तर प्रदेश की जनता आज भी सरकार चला रही भाजपा के साथ खड़ी है लेकिन बार-बार जीरो टॉलरेंस तथा मजबूत कानून व्यवस्था देने का हवाला देकर वोट पाने वाली भाजपा भ्रष्टाचार व बिगड़ी कानून व्यवस्था पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं की सरकार चलाने वाले मुखिया या विभागीय मंत्री भले ही भ्रष्टाचार समाप्ति ओवरलोडिंग बंदी, डग्गामारी, खराब कानून व्यवस्था बेकार होती शिक्षा व्यवस्था, बीमार होती स्वास्थ्य सेवा को ठीक करने के लाख दावे करते आ रहे हो, लेकिन भ्रष्टाचार सहित सभी क्षेत्रों में बड़े पैमाने की तरक्की हुई है जिसका इलाज सरकार तो कर ही रही है सफलता के लिए झूठ पकड़ने की मशीन हो लगा कर जांच होती रहें तो उक्त सभी अभिशाप पर काबू पाया जा सकता है।
सरकार द्वारा हमेशा डग्गामारी व ओवर लोडिंग खत्म करने की घोषणा करना आम बात है लेकिन प्रतिदिन डग्गामारी के चलते होने वाली दुर्घटनाओं और एक्सीडेंट से दर्जनों जान चली जाना जगजाहिर है। मिट्टी ,पत्थर, रोढी, बजरी रेत, मौरंग की बड़े पैमाने पर ओवरलोडिंग जारी है। यदि इसके लिए चैकपोस्ट पर पुलिस या अन्य अधिकारी कर्मचारी लगाएं जाए तो डग्गामारी करने वालों का मंथली खर्च बढ़ने के अलावा कुछ नहीं होगा। शिक्षा और स्वास्थ्य माफियाओं के यहां जब तक मंत्री अधिकारी हाजरी लगाएंगे तो भला कौन डग्गामारी ओवरलोडिंग शिक्षा स्वास्थ्य की माफिया गर्दी रोक पायेगा कहना मुश्किल है।
मजेदार बात तो यह है कि वर्तमान सरकार गुंडागर्दी समाप्ति का दावा कर कानून व्यवस्था में बड़े सुधार का दावा करती है भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का दम भरती है और असफल प्रयास भी करती हैं लेकिन प्रतिदिन हत्या लूट बलात्कार दलित उत्पीड़न, गरीब उत्पीड़न किसी से छिपा नहीं है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि सरकार भले ही इस सबके प्रति गम्भीर रहती हों जब तक अधिकारी शपथ लेकर इसके खात्मे में नहीं जुटेंगे तब तक सब कुछ पूर्व सरकारों की तरह यूं ही चलता रहेगा। और रही बात धार्मिक विचारों की तो उत्तर प्रदेश में चल रहे सभी निर्माण कार्यों के ठेकेदार कौन है पता चल जाएगा। कमीशन खोरी का पता किसी भी ठेकेदार से किया जा सकता है लेकिन कमीशन देने और लेने वालों के लिए कौन वरदान बनता है बताने की आवश्यकता नहीं है। कई जनप्रतिनिधि तो ऐसे हैं जो ठेकेदार द्वारा कंपटीशन में रेट कम करके काम लेते हैं और जनप्रतिनिधि विभागीय अधिकारियों को हड़का कर अपना कमीशन वसूल कर डालते हैं।
डगामारी में लखीमपुर खीरी से डग्गामार व डीसीएम की टक्कर में दर्जनों जान चली गई। टैक्टर ट्राली की टक्कर में कई लोग मरे थे। थानों की वसूली की तो पूछो मत, मेडिकल कॉलेज कितना वसूलते हैं सब जानते हैं बड़े अस्पतालों के भारी भरकम बिल पर लिखने की हिम्मत नहीं है। विधायकों का कमीशन रेट लिस्ट न होने के कारण स्पष्ट नहीं लिखा जा सकता। बिजली विभाग में ट्रांसफार्मर की लिस्ट अवधेश शर्मा ने वायरल की थी लखनऊ सहित सीबीएसई स्कूलों की फीस भरना हर किसी के बस में नहीं है डग्गामारी अवैध खनन ओवरलोडिंग का बुरा हाल है फिर भी सरकार का कमाल है, और सरकार को सबका ख्याल है, नियत सही होने के बावजूद कुछ नहीं हो पा रहा है इसका मलाल है, क्योंकि गरीब बेहाल है। जबकि 2024 का लोकसभा चुनाव तैयार खड़ा हैं।
विनेश ठाकुर ,सम्पादक
विधान केसरी, लखनऊ