मेरठ: मां कालरात्रि करती है शत्रु का विनाश

विधान केसरी समाचार     

मेरठ/हस्तिनापुर। कस्बें के पांडव टीले पर प्राचीन जयंती माता शक्तिपीठ मंदिर में नवरात्रों के अवसर पर चल रही मां दुर्गा पूजा के सातवें दिन मां कालरात्रि के स्वरूप की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई इस अवसर पर मंदिर प्रांगण में देर रात तक हवन यज्ञ संपन्न हुआ।

इस अवसर पर मंदिर के अध्यक्ष सुदेश कुमार ने बताया कि प्राचीन जयंती माता शक्तिपीठ मंदिर में नवरात्रों के सातवें दिन रविवार को मां दुर्गा के सबसे शक्तिशाली सातवें सिद्ध स्वरूप माता कालरात्रि की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। मान्यता है कि आज के दिन माता की पूजा करने से और मंत्रों का जाप करने से सभी प्रकार के दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं। माता कालरात्रि को सभी सिद्धियों की देवी के रूप में भी जाना जाता है इसलिए इस दिन तंत्र-मंत्र से भी माता की पूजा की जाती है। शुभ फल देने के कारण इनको शुभंकरी भी कहा जाता है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने के लिए जानी जाती हैं, इसलिए इनका नाम कालरात्रि है। मां दुर्गा की सातवीं स्वरूप मां कालरात्रि तीन नेत्रों वाली देवी हैं।

कहा जाता है जो भी भक्त नवरात्रि के सांतवें दिन विधि-विधान से मां कालरात्रि की पूजा करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मां कालरात्रि की पूजा से भय और रोगों का नाश होता है। साथ ही भूत प्रेत, अकाल मृत्यु ,रोग, शोक आदि सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इस अवसर पर मंदिर के आचार्य मुकेश शांडिल्य ने बताया कि शास्त्रों में इस बात का भी वर्णन मिलता है कि माता कालरात्रि के मंत्रों का शुद्ध उच्चारण करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती हैं। और घर से इस प्रकार की नकारात्मक शक्तियां भाग जाती हैं। मां अपने भक्तों की प्रार्थना सुनने आती हैं। माता को गहरा नीला रंग सर्वाधिक प्रिय है। रविवार को मंदिर में  नवरात्र महापर्व के सप्तमी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान कर पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करने के बाद मां को फूल, सिंदूर, कुमकुम, रोली, अक्षत इत्यादि अर्पित किए गए।

उसके बाद माता कालरात्रि को नींबू से बनी माला और गुड़ से बनें पकवान का भोग लगाया गया। इसके बाद घी का दीपक जलाकर मंत्रों का जाप किया गया। फिर मां कालरात्रि की आरती की गई। आरती से पहले दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ हुआ। उसके बाद शाम को मंदिर प्रांगण में माता कालरात्रि का विशाल हवन यज्ञ का आयोजन किया गया हवन यज्ञ देर रात तक संपन्न हुआ। जिसमें दूरदराज से आए सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर मंदिर प्रांगण में सैकड़ों लोग मौजूद रहे।