गाजीपुर: महर्षि दयानंद सरस्वती के सपनों को साकार करना- आदित्य प्रकाश आर्य
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गाजीपुर । यज्ञ भारतीय संस्कृति का प्राण तथा वैदिक धर्म का सार है, उक्त विचार नगर स्थित आर्य समाज गाजीपुर द्वारा संचालित डी.ए.वी. इंटर कॉलेज गाजीपुर के परिसर में आयोजित यज्ञशाला शिलान्यास एवं प्रबंध समिति के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के प्रांतीय मंत्री श्री पंकज कुमार आर्य ने कहीं ।
श्री आर्य ने कहा कि यज्ञ की उष्मा मानव मन के अंतःकरण पर देवत्व की छाप छोड़ती है। जिस भूमि पर यज्ञ होता है। वह स्थान ज्ञान और सुसंस्कारों की भावना को अपने भीतर धारण कर लेता है । ऐसे में इस यज्ञशाला का शिलान्यास करते समय मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है । इसे मैं अपना सौभाग्य मानता हूं।
शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर विशिष्ट अतिथि पद से बोलते हुए हिंदू युवा वाहिनी के वाराणसी मंडल प्रभारी एवं मनोनीत सदस्य विकास प्राधिकरण वाराणसी श्री अम्बरीश सिंह भोला ने कहा कि जीवन का सर्वांगीण विकास शिक्षा का मूल मंत्र होना चाहिए क्योंकि व्यक्ति और समाज के अभ्युदय के लिए बौद्धिक विकास से भी अधिक महत्वपूर्ण चरित्र का निर्माण और उसका विकास हो, मात्र आधुनिक ज्ञान और विज्ञान की प्रगति से ही कोई समृद्ध और गौरवशाली राष्ट्र नहीं बन सकता अतः युवाओं का चारित्रिक निर्माण इस दयानंद एंग्लो वैदिक विद्यालय गाजीपुर प्रबंध समिति का एक प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए।
वक्ताओं के क्रम में सहजानंद इंटर कॉलेज भरौली बलिया के प्रधानाचार्य श्री कृष्ण बिहारी राय ने कहा कि आज सभी को यह बात समझना होगा कि संस्कार विहीन शिक्षा ठीक उसी प्रकार है जैसे आत्मा बिना शरीर, इसलिए विद्या मंदिर में विद्या दान के कार्य में लगे शिक्षक वृंद का यह कर्तव्य एवं दायित्व होना चाहिए कि शिक्षार्थियों को ऐसी शिक्षा दें जिससे वे बौद्धिक रूप से अग्रिम कतार में खड़े होने के साथ ही एक अच्छा व संस्कारवान नागरिक बनकर समाज व राष्ट्र की सेवा कर सके।
वक्ताओं की अंतिम कड़ी में बोलते हुए विद्यालय के नवनिर्वाचित प्रबंधक श्री आदित्य प्रकाश आर्य ने कहा कि किसी विद्यालय के कुशल एवं सफल संचालन हेतु दो पहियों के रूप में जहां एक तरफ एक अच्छे प्रबंध समिति का होना आवश्यक है वहीं दूसरी तरफ पठन-पाठन कार्य में लगे शिक्षक परिवार के सभी विशेष समर्पण एवं सहयोग की जरूरत होती है मैं प्रबंध समिति के प्रबंधक के रूप में संकल्प लेता हूं कि प्रबंध समिति एवं शिक्षक गण के संयुक्त सहयोग से आने वाले दिनों में महर्षि दयानंद सरस्वती के सपनों को साकार करते हुए इस विद्यालय को जनपद के श्रेष्ठ नहीं अपितु श्रेष्ठतम् विद्यालय के रूप में स्थापित करने का पूर्ण प्रयास सत्य निष्ठा के साथ करता रहूंगा।
नवनिर्वाचित प्रबंध समिति के पदाधिकारियों सदस्यों जिसमें सर्व श्री सुरेंद्र नाथ वर्मा अध्यक्ष श्री संजय कुमार वर्मा उपाध्यक्ष श्री आदित्य प्रकाश आर्य प्रबंधक श्री संतोष कुमार वर्मा उप प्रबंधक श्री मोहन प्रसाद गुप्ता कोषाध्यक्ष एवं सभासद के रूप में श्री धर्मेंद्र कुमार जयसवाल ,चंद्रमणि, राकेश कुमार जयसवाल आदि को मुख्य अतिथि श्री पंकज कुमार आर्य ने शपथ ग्रहण कराया।
इस अवसर पर विद्यालय परिसर के अंदर यज्ञशाला के निर्माण का संकल्प लेकर शिलान्यास कराने वाले प्रमुख दानदाता श्री मोहन प्रसाद गुप्ता का सभी मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों ने सम्मान किया।
पधारे हुए मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों व मंचासीन व्यक्तियों को संस्था की तरफ से स्मृति चिन्ह के रूप में ऋषि दयानंद सरस्वती का फोटो अंगवस्त्रम वह सत्यार्थ प्रकाश भेंट किया गया साथ ही सब का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य श्री हरिशंकर शर्मा एवं समारोह का सफल संचालन श्री कमलेश वर्मा ने किया।
रात्रि प्रीतिभोज के साथ संपन्न हुए समारोह में मुख्य रूप से आर्य वीर दल के जिला संचालक संतोष कुमार, विद्युत मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष अरविंद कुशवाहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संचालक श्री जयप्रकाश वर्मा, हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व जिला अध्यक्ष श्री रासबिहारी राय, वरिष्ठ शिक्षक श्री व्यास मुनि राय, पूर्व चेयरमैन श्री विनोद कुमार अग्रवाल, उत्थान फाउंडेशन के संस्थापक श्री संजीव कुमार गुप्ता, हर समाज गोरा बाजार के प्रधान श्री वेद प्रकाश आर्य, डॉ.गोविंद आर्य श्री गौरव अग्रहरि जिले के वैदिक विद्वान माधव कृष्ण, भाजपा के वरिष्ठ सदस्य श्री सुनील कुमार सिंह श्री निर्गुण दास केसरी श्री दुर्गा प्रसाद जायसवाल आदि प्रमुख रूप से मंचासीन रहे।
इस अवसर पर श्री मनोज कुमार जयसवाल, श्री विजय कुमार वर्मा, श्री संतोष कुमार वर्मा ,श्री कैलाश वर्मा, श्री आकाश राय, श्री श्याम चैधरी श्री बृजेश कुमार राय, श्री शैलेश कुमार ओझा ,श्री प्रेम कुमार श्रीवास्तव , श्री प्रांशु उपाध्याय, श्री रेहान खान आदि रहे।