जनता को जीवनदान, संघ बना वरदान
मैं हमेशा सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सरकारी व्यवस्थाओं द्वारा अपनाई गई कार्यशैली के विरुद्ध लिखता रहा हूं लेकिन मुझे स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों द्वारा अपनाई गई कार्यशैली पर यह कहने में संकोच नहीं है की बिना किसी लाग लपेट या चमक धमक के जनता के जीवन में वरदान बन रहे संघ का कोई तोड़ नहीं है।
मैं यह भी दावे के साथ कह सकता हूं की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी भले ही सरकार के समर्थक बताए जाते हो, लेकिन मुझे यह कहने में संकोच नहीं है कि उनके द्वारा अपने बल पर अपनाई गई रणनीति समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए वरदान से कम नहीं है।
कल मेरी बात जब संघ की ओर से पर्यावरण प्रदूषण और पानी सहित चार मुद्दों पर पर काम कर रहे हैं संघ के पूर्व संगठन मंत्री श्री राकेश जैन से हुई तो मैं उनकी बात सुनकर इतना संतुष्ट हुआ कि उनके द्वारा बताई गई बातों को शब्दों के संपादकीय में लिखे बिना नहीं रह सका। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि वर्तमान में हम भले ही महंगाई आरक्षण जातिवाद की बात करते रहे लेकिन सबसे बड़ी समस्या जीवन की है जो दूषित पर्यावरण, साफ और पर्याप्त पानी व जनता को प्रदूषण से दूर रखें बिना सम्भव नहीं है। सरकार किस तरह से इन सभी समस्याओं पर काम करती है या करती रही है यह बड़ी बहस का मुद्दा हो सकता है लेकिन राकेश जैन की देखरेख में संघ जिस तरह से पर्यावरण पर काम कर रहा है उसे देखकर या सुनकर कोई भी व्यक्ति प्रशंसा किए बिना नहीं रह सकता। संघ पदाधिकारियों द्वारा देश हित में साफ साफ बात रखना यह तो मुझे पता था लेकिन कोई संगठन सरकार होने के बावजूद स्वयं जनसेवा के काम में जुटे यह प्रशंसनीय नहीं तो क्या हैं।
मुझे यह भी कहने में कोई संकोच नहीं है कि मैं संघ या किसी अन्य संगठन का समर्थक नहीं रहा हूं लेकिन उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में बड़ी बड़ी बाते करने वाले संगठनों से कहना चाहता हूं कि पहले तमाम ऐशों आराम त्याग कर स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों की तरह देश हित में जुटकर बड़ी लकीर खींचने का काम करें वैसे भी किसी जंग को सामने वाले से कम हथियार अथवा सोच, त्याग, तपस्या रखें बिना नहीं जीता जा सकता। आज जिस तरह से संघ के लोग गांव गांव घूमकर दूषित पर्यावरण, प्रदूषण समाप्ति व पानी बचाने पर काम कर रहे हैं मुझे नहीं लगता कि कोई अन्य दल या संगठन का नेता या संगठन इस पर संघ के मुकाबले दस प्रतिशत भी काम कर रहा है। वर्तमान में सरकार चला रही भाजपा को संघ की विचारधारा का राजनैतिक संगठन माना जाता है जिस कारण संघ के पदाधिकारी चाहें तो हर तरह से ऐशों आराम का जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इसके बावजूद संघ प्रमुख से लेकर छोटे बड़े सभी पदाधिकारियों को सादा भोजन, लकड़ी का तखत या फर्श पर रात्रि विश्राम, सिम्पल लिवास, सस्ती गाड़ी सहित आम आदमी से भी सस्ता जीवन बिताते देखा जा सकता है। कल जब मेरी मुलाकात अपने मित्र एमएलसी रामचंद्र प्रधान के सरकारी आवास पर श्री राकेश जैन से हुई तो मुझे लगा कि कोई आम व्यक्ति बैठा हुआ है जब श्री प्रधान द्वारा उनसे परिचय कराया गया तो विश्वास नहीं हुआ कि किसी राष्ट्रीय स्तर के संघ पदाधिकारी से मुलाकात हो रही है लेकिन सच्चाई से इन्कार भी नहीं किया जा सकता, उनसे बात हुई और तो पता चला कि वह संघ की ओर से पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण मुक्त भारत और पानी बचाओ आंदोलन चलाकर भविष्य के भारत की रक्षा करने में जुटे हैं उनसे प्रदूषण समाप्ति पर काम करने की जानकारी ली तो उन्होंने खुले मन से अपने प्रयास और विचार साझा किए। बताया कि नई दिल्ली में कुतुब मीनार से ऊंचा कचरा, अभिशाप बनी पोलीथीन से मुक्ति पर काम चल रहा है जिसमें काफी हद तक सफलता मिली है आज देश का प्रत्येक नागरिक कूड़ा कचरा इधर उधर नहीं फेंकता पालीथीन को डीजल बनाने में उपयोग किया जा रहा है। हम भविष्य के भारत को ध्यान में रखकर पानी की बरबादी रोकने पर काम कर रहे हैं जिसमें आमजन का सहयोग आवश्यक है, और मिल भी रहा है कुल मिलाकर मुझे राकेश जैन द्वारा बताया गया देशहित का प्लान अच्छा लगा जिसकी प्रशंसा किए रह पाना मेरे बस से बाहर था और मैंने उनके व्यक्तित्व व्यवहार व देश भक्ति को अपने पाठकों के समक्ष रखना उचित समझा।
विनेश ठाकुर, सम्पादक
विधान केसरी, लखनऊ