थाना प्रभारी समेत 7 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज करने का आदेश

 

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने सेक्टर-113 के थाना प्रभारी सहित सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ अपने ही थाने में केस दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं. दरअसल, एक महिला ने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उसके बेटे को अवैध तरीके से हिरासत में रखा. महिला ने आरोप लगाया कि उसके बच्चे को लूट के मामले में फर्जी तरीके से जेल भेज दिया गया. इसको लेकर महिला ने अदालत में अपील की थी.

दरअसल, सेक्टर-113 थाना पुलिस ने करीब तीन महीने पहले चेन लूट के मामले में सोरखा गांव निवासी जगेश यादव उर्फ जग्गी, कालू और सागर वाल्मिकी नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया था. जहां आरोपियों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया था. इस मामले में जगेश की मां वीरवती की तरफ से मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में याचिका दायर की गई थी. वीरवती ने आरोप लगाया कि 10 अगस्त को उसके छोटे बेटे जगेश और उसके बड़े भाई के बीच झगड़ा हो गया. इसके बाद पुलिस को फोन किया गया. झगड़ा शांत कराने के बाद वे चले गए. लेकिन 11 अगस्त की तड़के करीब साढ़े चार बजे पुलिस कर्मी जगेश को अपने साथ ले गए. आरोप है कि इस दौरान पुलिस कर्मियों ने जगेश को बुरी तरह से मारा, उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा. जिसके बाद चार फर्जी मुकदमे लगाकर उसे जेल भेज दिया.

पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सेक्टर-113 के थाना प्रभारी शरदकांत सहित उपनिरीक्षक सुनील कुमार, उप निरीक्षक अरुण कुमार वर्मा, उप निरीक्षक आवेश मलिक, उप निरीक्षक चंद्रशेखर बालियान, कांस्टेबल रोहित शर्मा और रोहित कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया है. वहीं, मामले में थाना प्रभारी शरद कांत का दावा है कि तीन महीने पहले सेक्टर-120 में एक महिला के गले से सोने की चेन लूटी गई थी. जिसमें जगेश भी शामिल था.

थाना प्रभारी ने दावा किया कि वारदात के करीब सात दिन बाद जगेश सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इनसे लूट में प्रयोग बाइक, चेन सहित अन्य सामान बरामद हुआ था. इस मामले में एडीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि मामले में उचित कार्रवाई की गई थी. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में अपील की जाएगी.