वाराणसी: दीपावली: विधि-विधान से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन, मिट्टी के दीये की लौ से हर कोना प्रकाशित हुआ
विधान केसरी समाचार
वाराणसी। दीपावली सोमवार को धूमधाम से मनाई गई। लोगों ने विधि-विधान से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया। आशियाने को दीये और झालरों से सजाया गया। रंग-बिरंगी रोशनी में शिव की नगरी नहा ली। झिलमिलाहट ऐसी लग रही थी मानों आसमान के तारों को मुंह चिढ़ा रही हों।
दीपोत्सव मनाने के लिए लोगों ने कई दिन पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थीं। साफ-सफाई और रंगाई-पोताई के बाद असंख्य दीप लोगों ने अपने मकानों पर जलाए। कहीं कोई कोना ऐसा नहीं दिखाई पड़ा जहां अंधेरा रहा हो। मिट्टी के दीये की लौ से हर कोना प्रकाशित हो उठा। इसी के साथ ही विद्युत झालरों को भी भवनों पर लगाया गया था। उनकी झिलमिलाहट देख लोगों की खुशी परवान चढ़ी।
चैराहों को भी झालरों से सजाया गया। हर ओर प्रकाश ही प्रकाश नजर आ रहा था। कुछ लोगों ने मिट्टी के दीये की जगह मोमबत्ती भी जलाकर प्रकाश किया। मड़हा, मिट्टी का मकान हो अथवा टिनशेड हर जगह प्रकाश के पर्व पर रोशनी नजर आ रही थी।
खेत-खलिहान और घूर पर भी दीपक जलने से वहां भी प्रकाश के अलावा और कुछ नजर नहीं आ रहा था। झालर भी लगाए थे, जहां रंग-बिरंगे प्रकाश बिखर रहा था। लाइटों के कतारबद्ध पुंज से ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो कोई प्राकृतिक व्यवस्था ऐसी हो जहां से यह निकल रहा है।
ग्रामीण अंचलों में भी हर्षोल्लास दीपावली मनाई गई। घरों व प्रतिष्ठानों में मिट्टी के दीये और इलेक्ट्रानिक झालरों से भव्य सजावट की गई। शाम को लक्ष्मी-गणेश का पूजन कर प्रसाद वितरित किया। लोगों ने अपने घरों और व्यवसाइयों ने दुकानों और प्रतिष्ठानों में पूजन-अर्चन किया। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा हुई।
दीपावली के अवसर पर सोमवार की शाम लोगों ने अपने-अपने घरों में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की। इस दौरान मिट्टी के दीपक जलाए गए और लाई-चिवड़ा, मिठाई, गट्टा, रेवड़ी और लड्डू का भोग लगाया। इसके साथ ही फल भी चढ़ाया गया।
व्यवसाइयों ने खाता-बही की पूजा कर्मकांडी ब्राह्माणों से कराई। कंप्यूटर युग होने के बाद भी लोगों ने यह पूजा की। कंप्यूटर पर भी माला-फूल चढ़ाकर लोगों ने प्रतीकात्मक तिलक लगाया। इस दौरान महिलाओं और बच्चों में प्रसन्नता देखी जा रही थी। इसके साथ ही लोगों ने एक दूसरे को दीपावली की शुभकामना देकर प्रसाद का वितरण किया।