उन्नाव: मौत को दावत देता बॉस का पुल, जनता की पुकार सुन लो योगी बाबा
विधान केसरी समाचार
उन्नाव। गुजरात के मोरबी में पुल टूटने के बाद कई लोगो को अपनी जान गवानी पड़ी । उक्त दुःखद घटना के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के सभी पुलों के सर्वे का आदेश दिया था ।लेकिन राम के नाम पर राज करने वाली सरकार ने उस नदी पर आज तक पुल नहीं बनवाया जिस नदी पर खुद प्रभु राम ने स्नान किया उस पर ग्रामीणों ने लकड़ी का अस्थाई पुल बनाकर आवागमन तो शुरू कर दिया। लेकिन वह पुल मोरबी जैसी किसी भी घटना को खुलेआम दावत दे रहा है।ऐसा कोई चुनाव नहीं आता जिस चुनाव में जिले के औरास ब्लॉक की ग्राम सभा मिर्जापुर अजीगांव में नेता पुल बनवाने का वादा न करते हों , हर चुनाव से पहले इसी आश्वासन से नेता वोट लेते हैं लेकिन उसके बाद वापस कभी मुड़कर नहीं देखते।बताया जाता है की 20 साल पहले अजीगांव के ग्रामीणों ने मिलकर लकड़ियों और गलियों के सहारे सही नदी के ऊपर से पुल का निर्माण किया था। लेकिन जरा पुल की तस्वीर देखिए जुगाड़ से बनाया गया यह पुल खुलेआम मौत को दावत दे रहा है ।बारिश के समय इस पुल के ऊपर से नदी की धारा बहती है ।ग्रामीण बताते हैं कि 5 सालों में 5 लोग पुल से नीचे गिर कर अपनी जान गवा चुके हैं।बावजूद इसके ना तो कभी नेताओं ने सुना ना अधिकारियों ने सुना।2022 के चुनाव से पहले ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का ऐलान भी किया था। लेकिन अधिकारी और नेता पहुंचे और वादा किया कि चुनाव खत्म होने के बाद हर हालत में यह पुल बनवा दिया जाएगा। लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ।
जिले के मिर्जापुर अजीगांव के पास से बहने वाली सई नदी बहती है इस नदी का रामचरितमानस में भी उल्लेख किया गया है गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है की ष्सई उतर गोमती नहाए, चैथे दिवस अवधपुर आए, जनकु रहे पुर बासर चारी, राजकाज सब साज संभारीष् प्रभु राम जब लंका विजय के बाद वापस लौट रहे थे तो उन्होंने सई में उतर कर स्नान किया था। उसके बाद चैथे दिन अयोध्या पहुंचे थे। जिले में आज भी वो सई नदी है जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे।लेकिन उसी नदी में आज तक एक पुल तक बनकर नहीं तैयार हो पाया । मजबूरी में ग्रामीणों ने लकड़ी का एक पुल बनाकर आवागमन शुरू किया है लेकिन ये पुल आज तक ना जाने कितनी जाने ले चुका है ।जनपद का औरास ब्लॉक मुख्यालय से अलीपुर निचलौल मार्ग पर 4 किलोमीटर दूर बसे मिर्जापुर अजी गांव के किनारे से सई नदी गुजरी है गांव के लोगों की नदी के पार सैकड़ों बीघे खेतिहर भूमि है इसके साथ ही लगभग आधा दर्जन गांव भी नदी के उस पार है यानी कुल मिलाकर अगर कहा जाए तो हर दिन 5 से 7 हजार आबादी इसी पुल से यहां से वहां जाती है बच्चे भी पढ़ने के लिए इसी पुल से गुजरते हैं ऐसे में कभी भी पुल से बड़ा हादसा हो सकता है । ग्रामीणों का कहना है कि योगी जी आप किसान सम्मान निधि बंद कर दीजिए। लेकिन सई नदी में पुल बनवा दीजिए वरना ना जाने कितनी जिंदगी असुरक्षित हो जाएंगी। यह हाल उस सरकार का है जो राम नाम जप कर ही वोट हासिल करती है रामराज लाने का सपना दिखाती है । ग्रामीणों का कहना है कि जिस नदी में खुद भगवान राम ने स्नान किया उस नदी को एक अदा पुल दे पाने में नाकाम है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की 2 वर्ष पहले की गई घोषणा के बाद भी अभी तक पुल का निर्माण नही हुआ शुरू
जनपद के मोहान विधानसभा क्षेत्र में औरास ब्लॉक पड़ता है। यहां 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का ऐलान भी किया था। मतदान के दिन लोगो के वोट बहिष्कार करने की बात पर अधिकारियों ने मतदान के बाद पुल बनने के बात के अश्वावन दिया था। जिसके बाद लोगो ने मतदान किया था। मोहान विधानसभा सीट से तब विद्यायक रहे बृजेश रावत ने जनता से दुबारा उन्हें विधानसभा चुनावो में जीताने की अपील की थी । जनता ने भारी आक्रोश के बाद बीजेपी की सीट से विद्यायक रहे बृजेश रावत पर भरोसा जताया लेकिन वह भी इस जनसमस्या को सुलझाने में अभी तक विफल रहे ।खुद इस पुल के निर्माण की घोषणा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 2 साल पहले की थी लेकिन वह भी आज तक पूरा नहीं हुआ। जिसके बाद से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।