दबाई जाती है विपक्ष की आवाज-मल्लिकार्जुन खरगे
विपक्ष एक बार फिर अडानी के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है. इसके खिलाफ 17 विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने बुधवार (15 मार्च) को संसद भवन से ईडी दफ्तर के लिए मार्च निकाला. उन्हें बीच में ही रोके जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रोष जाहिर किया और विपक्ष पर कई आरोप लगाए.
खरगे ने केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल दागा कि आखिर अडानी ने 2.5 साल के भीतर लाखों और करोड़ रुपये कैसे कमाए. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है. 200 लोगों को रोकने के लिए सरकार की तरफ से 2000 पुलिस कर्मीयों को भेजा गया. विपक्ष को डराने की कोशिश की जा रही है.
खरगे ने कहा सरकारी संपत्ति खरीदने के लिए सरकार एक आदमी को पैसा दे रही है. पीएम किसी ऐसे व्यक्ति को प्रोत्साहित कर रहे हैं जिसके पास पहले कम संपत्ति थी लेकिन अब 13 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति हो गई है. यह कैसे हुआ? कौन जिम्मेदार है? पैसा कौन दे रहा है? पूछताछ होनी चाहिए. पीएम मोदी और अडानी के बीच क्या संबंध है ?
उन्होंने कहा कि हम सभी (17-18 राजनीतिक दलों के हम सभी सांसद) अडानी घोटाला मामले में एक ज्ञापन सौंपने के लिए निदेशक ईडी से मिलने जा रहे हैं लेकिन सरकार हमें विजय चौक के पास कहीं नहीं जाने दे रही है. उन्होंने हमें रोक दिया है. लाखों रुपये का घोटाला हुआ है, एलआईसी, एसबीआई और अन्य बैंक बर्बाद हो गए हैं.
दरअसल, विपक्ष ने ईडी दफ्तर के लिए मार्च निकाला था और इसे विजय चौक पर ही धारा 144 का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस ने रोक दिया. इसका विरोध करते हुए तमाम विपक्ष के नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. विपक्ष का कहना है कि बीजेपी की ये सरकार तानाशाही की सरकार है.