अमेठीः संत मिलन को जाइए तज माया अभिमान- स्वामी प्रणव पुरी जी महराज

 

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अमेठी। स्थानीय कस्बे मुसाफिरखाना के गांधी पार्क में चल रही श्रीराम कथा के अन्तिम दिवस में कथा व्यास स्वामी प्रणव पुरी जी महराज ने श्रीराम का सेना सहित लंका पहुंचकर रावण सहित उसके पूरे कुल को समाप्त कर माता जानकी वहां से मुक्त कराने और अयोध्या वापसी की कथा सुनाई। कथा व्यास ने कथा में जब श्रीराम को बताया कि माता जानकी लंकापति रावण हरणकर लंका की अशोक वाटिका में रखा है तो प्रभु वानर सेना लेकर लंका पर चढ़ाई करने की तैयारी करने लगे।उन्होंने सागर पार करने के लिए किस प्रकार उसकी पूजा और प्रार्थना की।काफी अनुनय विनय पर भी जब सागर नही सूखा तो किस प्रकार भगवान क्रोध में आकर लक्ष्मण से धनुष बाण लाने को कहा और तब कैसे समुद्र देवता उनके सामने प्रकट होकर समुद्र पार करने का तरीका बताया। कथा व्यास ने आगे की कथा में बताया कि प्रभु श्री राम सेना सहित लंका पहुंचकर रावण सहित उसके पूरे कुल को समाप्त कर माता जानकी को मुक्त कराकर विभीषण को लंका का राजा बनाया।तत्पश्चात पत्नी और भाई लक्ष्मण सहित हनुमान और अन्य विशेष सहयोगियों के साथ पुष्पक विमान से अयोध्या वापसी किए। स्वामी प्रणव पुरी जी महराज ने बताया कि पुष्पक विमान से उतरने के बाद अयोध्या के प्रवेश द्वार पर किस प्रकार गुरु वशिष्ठ भरत और सारी अयोध्या श्रीराम की अगवानी की।गुरु वशिष्ठ को देखकर श्रीराम ने कैसे अपना धनुष बाण जमीन पर रख दिया प्रभु के इसी भाव को देखते हुए उन्होंने कहा संत मिलन को जाइए तज माया अभिमान।