Sonebhadra: रॉबर्ट्सगंज में भी रावण का हुआ धूम धाम से दहन लगे जय श्री राम के नारे

श्री राम, लक्ष्मण, रावण में हुआ महा युद्ध

दिनेश पाण्डेय: प्रतिवर्ष दशहरे के अवसर पर रावण के पुतले का दहन करने के बावजूद मानवता के इस महाशत्रु का आकार प्रतिवर्ष बढ़ता ही जा रहा है | शत्रु के पुतले का ही दहन किया जाता है| रावण के श्राप से मनुष्य का जीवन स्थापित होकर दुखी, अशांत और अधर्म के मार्ग पर भटक गया है। एक रावण हम सभी मनुष्य के अंदर भी है। जिसका दहन किया जाना निहायत जरूरी है।राबर्ट्सगंज के रामलीला मैदान में रावण का दहन 5:30 बजे हुआ इस रावण से आपका सामना किसी भी गली-चौराहे पर हो सकता है। यह रावण भेष बदलने में बहुत माहिर है। इससे सतर्क रहने की आवश्यकता है, किसी भी समय रूप बदलकर आत्मा रूपी सीता का हरण कर सकता है। रावण अर्थात मनुष्य के जीवन को नर्क बनाने वाले काम ,क्रोध, मोह,और अहंकार, रूपी पांच मनोविकार । पांच विकार हमारी सुखमय जीवन-यात्रा के महाशत्रु हैं ,जिससे मनुष्य का जीवन श्रापित हो जाता है। अपने अंदर छिपे हुए रावण को जानने और इसका दहन करने के लिए ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग का आवश्यक है। मौके पर उपस्थित पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी,प्रशांत सिंह,आनंद मिश्रा,अनिल द्विवेदी,एडिशनल एसपी,सीओ सिटी,कोतवाल,चौकी इंचाज ,समेत तमाम पुलिस कर्मी वर्षा वर्मा,शैलेश कुमार,अजित यादव,रोहित,विश्वरंजन चौबे समेत अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।