बाराबंकीः पटाखों के लिए प्रदेश में विख्यात है कस्बा जैदपुर
विधान केसरी समाचार
जैदपर/ बाराबंकी। दीपावली के नजदीक आते ही जैदपुर कस्बे के पटाखों की डिमाण्ड बढ़ने लगती है। जैदपुर पटाखों को लेकर पूरे जिले के साथ-साथ प्रदेश में काफी विख्यात है। यहां पर फुलझड़ी से लेकर अनार मेहताब आदि पटाखे बनाने वाले लाइसेंसी दिन-रात ज्यादा मात्रा में पटाखे बनाते हैं। अधिकांश लाइसेंसी ज्यादा से ज्यादा माल बनाने के चक्कर में नियम, कायदे और कानून को ताख पर रखकर कस्बे में महिलाओं व नाबालिग बच्चांे से पटाखों का निर्माण बड़े पैमाने पर करवाते हैं। यहां तो मजदूरों की सुरक्षा के न कोई इंतजाम हैं और ना ही सेफ्टी के लिए कोई खास इंतिजाम, सारा कार्य सिर्फ कागजों पर चलता दिख रहा है। पटाखा मार्केट के पास आगजनी से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन भी नहीं है, सिर्फ वसूली की बिना पर पूरा मार्केट गुलजार रहता है। कोई अप्रिय घटना घटित हो जाने पर सिर्फ लकीर पीटी जाती है, घटना से पूर्व बचाव के लिए कोई पोख्ता इंतिजाम नहीं किये जाते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद के कस्बा जैदपुर में कई पटाखा कारखाने वैध व अवैध रूप से संचालित है। इनमें से कुछ लाइसेंसी गांव की आबादी के पास जैदपुर बाईपास पशु अस्पताल के पास ही पटाखा बिक्री के लिए दुकानें सजाई जाती हैं। जहां पर बड़ी गाड़ियों का आगमन रहता है साथ ही पास में ही 2 आरा मशीन भी संचालित है। पटाखे बनाने का कार्य क्षेत्र की महिलाए बड़े पैमाने पर लगी रहती है। उन्हें बारूद से होने वाले नुकसान तक की कोई जानकारी नहीं है, सिर्फ अधिक मजदूरी की लालच में वह जान हथेली पर रखकर कार्य करती दिख रही है। जैदपुर में तेज आवाज के गोले के साथ अनार मेहताब से लेकर बड़े पटाखे व्यापक पैमाने पर बनाए जाते हैं। जैदपुर के पटाखें दूर-दराज के क्षेत्रों में भेजे जाते हैं। यहां के पटाखों की मांग कई जिलों में रहती है। यहां के करोड़ों रुपए के पटाखे दूसरे स्थानों पर भेजे जाते हैं।
सूत्रों से पता चला है कि पटाखों का पूरा खेल अवैध वसूली के कारण दिन रात फल फूल रहा है, यहा पर कई विभाग के कर्मचारी व अधिकारी पटाखों का पैकेट त्यौहार व शादी विवाह के अवसर पर मुफ्त में मंगवाते हैं और बदले में उन्हें संरक्षण प्रदान करते हैं।
…………….यह है पटाखा लाइसेंसी के नियम, जो जैदपुर में रखे जाते हैं ताख पर
मालूम हो कि पटाखा फैक्ट्री और दुकान आबादी के करीब एक किलोमीटर दूर होनी चाहिए, बिजली सप्लाई के लिए हाइटेंशन तार, ट्रांसफार्मर के आसपास फैक्ट्री नहीं होनी चाहिए, अग्निशमन विभाग और संबंधित थाना पुलिस की एनओसी के बाद ही फैक्ट्री संचालित होती है। पटाखा फैक्ट्री, निर्माता या दुकानदार के पास लाइसेंस होना अनिवार्य है इसके साथ ही साथ सेफ्टी के लिए बालू व पानी की उचित व्यवस्था आस-पास मौजूद होनी चाहिए। फैक्ट्री या दुकान में दीवारों पर ध्रूमपान निषेध की सूचना बोर्ड, क्रेता का नाम लिखा होना आवश्यक है। अग्निशमन यंत्र होना, आग बुझाने के लिए रेत की बाल्टी पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। फैक्ट्री या दुकान में गैस सिलेंडर, लैंप, लाटने, अगरबत्ती सहित ज्वलनशील पदार्थ पर पाबंदी होनी चाहिए। फैक्ट्री संचालक, दुकानदार के पास आतिशबाजी का अनुभव प्रमाणपत्र होना चाहिए। संचालक फैक्ट्री कर्मचारियों को अग्निशमन यंत्र चलाने की पूर्ण जानकारी हो। मजदूरों के लिए दास्ताने, स्पेशल ड्रेस, मास्क सहित अन्य सुरक्षा के उपकरण होने चाहिए। मौके पर प्राथमिक उपचार, फर्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए।