Sonebhadra: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय का नवयुग अभिनंदनम समारोह मनाया गया

राबर्ट्सगंज विकास नगर स्थित सेवा केंद्र पर हुआ आयोजन

दिनेश पाण्डेय: आदि सनातन भारतीय सांस्कृतिक विरासत के उत्कर्ष के लिए वैश्विक स्तर पर सक्रिय संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के विकास नगर स्थित स्थानीय सेवाकेंद्र का  22  वा वार्षिकोत्सव “नवयुग अभिनंदनम” समारोह शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। ब्रह्माकुमारीज संस्था विश्व के 140 देशो में 8000 से भी अधिक सेवाकेंद्रो के माध्यम से ईश्वरीय ज्ञान और राज्योग के माध्यम से संपूर्ण मानवता के दिव्यीकरण का कार्य कर रही है। अति धर्म ग्लानि और महाविनाश की ओर पल-पल अग्रसर हो रहे विश्व के लिए अमृतमय संदेश यह है कि स्वयं निराकार परमात्मा शिव साकार मानवीय माध्यम के द्वारा नई आदि सनातन दैवी संस्कृति के उत्थान का दिव्यकार्य कर रहे हैं ।
मिर्जापुर से पधारी बी०के० बिन्दु दीदी ने कहा की परमात्मा ने आदि सनातन संस्कृति के उत्थान हेतु  नारी शक्ति को ईश्वरीय कार्य के लिए अग्रदूत बनाया है। वरिष्ठ साहित्यकार और पूर्वचेयरमैन अजय शेखर ने कहा की जीवन में ज्ञान का बोध होना आवश्यक है तभी  मनुष्य जीवन में श्रेष्ठ कर्म कर सकता है। हमें पुनः आध्यात्म की ओर लौटना होगा, तभी जीवन सार्थक हो सकता है।  राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित ओमप्रकाश त्रिपाठी  ने कहा कि युग परिवर्तन की यात्रा का प्रारंभ हो चुका है। हम सभी को इस अन्तर्जगत की यात्रा से जुड़कर आत्म कल्याण के पथ पर चलना चाहिए। साईं हॉस्पिटल की डायरेक्टर  डॉ अनुपमा सिंह ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़ने के बाद जीवन के यथार्थ उद्देश्य का बोध हुआ इससे हमारे जीवन में बहुत बड़ा सकारात्मक परिवर्तन आया। विंध्य कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ अंजलि विक्रम सिंह  ने कहा कि मनुष्य  तन को मानव सेवा के कल्याण में लगाना है। इससे हमारा जीवन सफल हो जाता है। रॉबर्टसगंज सेवाकेंद्र की संचालिका बी०के० सुमन बहन ने सभी मंचासीन और सामने बैठे भाई बहनों को धन्यवाद ज्ञापित किया । बी०के० प्रतिभा बहन ने संस्था का परिचय दिया । डॉ बी०के०  हरींद्र भाई ने मंच का प्रभावशाली ढंग से संचालन किया। मंचासीन महानुभावों ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का औपचारिक रूप से प्रारंभ किया। ब्रह्माकुमारी प्रतिभा बहन,सीता बहन,कविता बहन,,सरोज बहन, दीपशिखा बहन ने तिलक, बैज और अंग वस्त्र से सम्मानित करके मंचासीन महानुभावो का स्वागत किया। कुमारी अग्रिमा ने “घर मंदिर से नहीं है कम   जहां पर तुम रख दो कम कदम ” गीत पर स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। कु० रिद्धि ,कु० आशी, कु० श्वेता, कु० आस्था, एवं कु० दिव्या ने आध्यात्मिक गीतों पर नृत्य के माध्यम से अंतर्गजगत की यात्रा कराया।