अनोखी शादी: शादी से पहले दुल्हे को हुआ डेंगू, अस्पताल में ही दुल्हन ने पहनाई वरमाला

 

गाजियाबाद में डेंगू की वजह से दूल्हा मैरिज हॉल की बजाय अस्पताल पहुंच गया. डॉक्टरों ने जांच पड़ताल में ब्लड प्लेटलेट्स काउंट बहुत कम पाया. दूल्हे के स्वास्थ्य को देखते हुए डॉक्टरों ने भर्ती होने की सलाह दी. एक तरफ दुल्हन लाने के लिए बारात निकलने वाली थी, दूसरी तरफ दूल्हे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. परिजनों ने अस्पताल में शादी कराने का फैसला किया. मैक्स वैशाली अस्पातल के एक हॉल में मंडप सजाया गया. अस्पताल के मंडप में दूल्हा दुल्हन ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई.

दूल्हा-दुल्हन ने माता-पिता के पांव छूकर आशीर्वाद लिए. अस्पताल में अनोखी शादी की चर्चा खूब हो रही है. शादी से ठीक चार दिन पहले अविनाश कुमार की तबीयत खराब हो गई. बुखार और थकान के कारण अविनाश अगले दो दिनों तक बिस्तर से उठ नहीं सके. डेंगू की पुष्टि होने के बाद 25 नवंबर को मैक्स वैशाली अस्पताल में परिजनों ने भर्ती कराया.

अविनाश का ब्लड प्लेटलेट्स काउंट गिरकर 10 हजार पर पहुंच गया था. डॉक्टरों के मुताबिक ब्लड प्लेटलेट्स काउंट 20 हजार से नीचे होने पर मरीज को गंभीर श्रेणी का माना जाता है. अविनाश को बुखार से छुटकारा भी नहीं मिल रहा था. ऐसी स्थिति में परिजनों ने शादी को कुछ दिनों के लिए स्थगित करने का विचार किया. अगले दिन अविनाश की मंगेतर अनुराधा माता-पिता के साथ अस्पताल पहुंच गई.

 

दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से अविनाश और अनुराधा को परिणय सूत्र में बांधने पर रजामंदी जताई. फैसला लिया गया शादी के लिए अस्पताल में मंडप सजाया जाए. सोमवार को शादी का शुभ मुहूर्त देखकर दोनों को एक दूसरे का जीवन साथी बना दिया गया. पल्लवल के मैरिज हॉल की बजाय अस्पताल को शादी का स्थल बनाया गया.

परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से कम लोगों की मौजूदगी में शादी का आवेदन दिया. अस्पताल प्रबंधन ने अजीबोगरीब आवेदन पर शादी करने की इजाजत दे दी. 27 नवंबर की शाम शेरवानी में अविनाश और लहंगा में अनुराधा एक दूजे के हो गए. अस्पताल में अनोखी शादी के गवाह मात्र 10 लोग बने.