Sonebhadra: प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र को डॉक्टर की धमकी से आहत संचालक कर्ता ने किया बन्द।
प्राइवेट प्रैक्टिस, बाहर की दवा, जांच लिखने की शिकायत पर अधिकारियों के नकेल कसने पर बौखलाए दबंग डॉक्टर ने संचालक को धमकाया।
दिनेश पाण्डेय: सरकार द्वारा सस्ते दामों पर अच्छी दवाएं उपलब्ध कराने के लिए देश,प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खुलवाया जा रहा है। किंतु जन औषधि केंद्र के निर्बाध संचालन में सरकारी हुक्मरान ही रोड़ा अटकाने का कार्य कर रहे हैं। घोरावल तहसील का है जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोरावल में बीते 8 माह से मरीजों के लिए जेनरिक सस्ती दवा खोला गया है किंतु जो की महज सो पीस बनकर रह गया। जन औषधि केंद्र के काम करने वाले सेल्समैन ने बताया की अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मरीजों को प्राइवेट मेडिकल से ही दवा लिखी जाती है जिसमे डाक्टरो को अच्छा कमीशन भी मिलता है इसी को लेकर जन औषधि की दवा नही दिखा जाता है यही हाल जिला अस्पताल लोढ़ी का भी है। यदि कोई मरीज अपनी मर्जी से जन औषधि केंद्र से दवा खरीद कर ले जाता है तो डॉक्टर द्वारा कुछ न कुछ नुक्स निकालकर दवा वापस करा दिया जाता है। सेल्समैन ने बताया की सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में नियुक्त चिकित्सक डा प्रशांत पाल से कई दफे मिलकर जन औषधि के दवाओं की उपयोगिता बताने का प्रयास किया गया किंतु हर बार डॉक्टर साहब द्वारा दवाओं को घटिया बताकर मना कर दिया जाता। अजीज आकर संचालक द्वारा उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र देकर डॉक्टरों को जन औषधि केंद्र की दवा लिखने का निर्देश देने की मांग की गई है। जिसपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया हैं।उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप तथा बाहर की दवा लिखने पर नकेल कसते ही डॉक्टर इस कदर नाराज हो गए की सीधे जन औषधि केंद्र में घुसकर कार्य करने वाले कर्मचारियों को धमकाने लगे इतना ही नहीं विभागीय कार्यवाही से डॉक्टर इस कदर नाराज हुए की उन्होंने कर्मचारियों को फर्जी मुकदमे में भी फसाने की धमकी तक दे डाली। जन औषधि केंद्र घोरावल में कार्य करने वाले कर्मचारी डॉक्टर साहब के इस रवैए से संचालक भयभीत हो गया है और औषधि केंद्र को बन्द कर दिया गया हैं।