Sonebhadra: निजी हॉस्पिटलों को नोटिस देने के बाद भी नही मिला जबाब सीएमओ ने कहा कि नोटिस न देने वालो पर होगी कार्यवाई।
सीएमओ की टीम ने हाल ही में कई हॉस्पिटलों में की थी छापे मारी दिया गया था नोटिस लेकिन नही दिखा उसका असर।
सोनभद्र ब्यूरो: बीते माह नवम्बर में नोडल ने कई अस्पताल में छापेमारी की. खामियां मिलने पर उन्हें नोटिस जारी किया. रही बात यह है कि इक्का-दुक्का अस्पतालों ने नोटिस का जवाब भेजा. लेकिन असंतोष जनक जबाब रहा। बाकी बचे अस्पताल नोटिस का जवाब नहीं दिया है. निजी अस्पताल सीएमओ आफिस चक्कर लगाकर मामले को खत्म करने में जुटे होते है। छापा मारी के बाद कुछ अस्पताल सिफारिशी फोन करवाते हैं. अभी हाल ही में नोडल ने तीन को सील एक को नोटिस दो पर एफआईआर करवाया था ।अहम बात यह है कि कुछ अस्पताल पंजीकरण तक सीएमओ आफिस में दर्ज नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बीते माह नवम्बर में कई अस्पतालों में छापेमारी की. अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं मिले. स्टॉफ नर्स और वार्ड ब्वॉय अस्पताल का संचालन करते मिले, जो मरीजों की जिदंगी से खिलवाड़ कर रहे थे. मधुपुर में केजीएन हॉस्पिटल को सील किया गया था। सोनभद्र के मुख्यालय पर मरीजो को सरकारी हॉस्पिटल से उठा कर ले जाते हैं प्राइवेट हॉस्पिटल जिसमे अच्छी कमाई की जरिया बना होता है। इतना ही नही निजी हॉस्पिटल के लोग महिलाओ को रखकर मरीज लेजाने में अहम भूमिका रहता है।इतना ही नही निजी गाड़ी से लोग आते हैं सेट हुए मरीजो को अच्छा इलाज कराने को लेकर बहला पुसलाकर ले जाते हैं निजी हॉस्पिटल पर इतनी शिकायत के बाद लोढ़ी चौकी इंचाज सख्त हो चुके हैं अगर कोई दलाल दिखाई देता है तो पूछ ताछ चालू हो जाता है उतने में दलाल का पारा गर्म होने लगता है उसे ये लगता है कि साहब इतना गुस्सा क्यो हो रहे हैं।