बीसलपुर: जीवन को अनुशासित बनती है राम कथा- शास्त्री

 

विधान केसरी समाचार

बीसलपुर। कथावाचक पंडित अजय शास्त्री ने कहा कि राम कथा मनुष्य को अनुशासित बनती है। राम कथा की अमृत पान से  जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। कथावाचक नगर की मोहल्ला दुर्गा प्रसाद में चल रही राम कथा में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर जब-जब असुरों का आतंक बढ़ा है तब-तब ईश्वर ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर उनका संहार किया है। जब धरा पर धर्म के स्थान पर अधर्म बढ़ने लगता है तब धर्म की स्थापना के लिए ईश्वर को आना पड़ता है। भगवान राम ने भी पृथ्वी लोक पर आकर धर्म की स्थापना की। उन्होंने कहा कि आज का व्यक्ति ईश्वर की सत्ता को मानने से भले ही इन्कार कर दें लेकिन एक न एक दिन उसे ईश्वर की महत्ता को स्वीकार करना ही पड़ता है। कथावाचिका ने श्रीराम जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि जब अयोध्या में भगवान राम का जन्म होने वाला था तब समस्त अयोध्या नगरी में शुभ शकुन होने लगे।

भगवान राम का जन्म होने पर अयोध्या नगरी में खुशी का माहौल हो गया। चारों ओर मंगल गान होने लगे। राम जन्म की कथा सुन पांडाल में मौजूद महिलाएं पुरुष वृद्धि व बच्चे भगवान राम की जय जयकार करने लगे। पूरा पंडाल प्रभु राम के जयकारे से गूंजयामान हो उठा। कथावाचक ने कहां की मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आदर्शों का अनुसरण कर हमें अपना जीवन सार्थक बनाना चाहिए। उन्होंने पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए राजपाठ को त्याग कर 14 वर्ष तक वनवास काटा था। पति के वनवास में उनकी पत्नी सीता ने साथ देकर पत्नी धर्म निभाया था। भाई लक्ष्मण ने भाई-बहन भाभी की सेवा के लिए महलों का सुख व पत्नी को छोड़ दिया था। लक्ष्मण की तरह आदर्श भाई पाकर प्रभु राम धन्य हो गए थे। प्रभु राम के हाथों पराजित होने के बाद रावण ने भगवान राम से कहा था उनकी हार सिर्फ इसलिए हुई है क्योंकि उनके पास लक्ष्मण जैसा भाई नहीं था। भगवान राम के नाम का स्मरण मात्रा कर लेने से सारी कष्ट दूर हो जाते हैं। कलयुग में प्रभु राम की भक्ति कर ही मोक्ष की प्राप्ति संभव है। कथा के समापन पर आयोजक श्री राम शर्मा द्वारा श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।