ट्रक ड्राइवर कर रहे हड़ताल, मुरादाबाद में हिट एंड रन केस में चली गई ठेकेदार की जान
- अज्ञात वाहन मृतक राजेश की बाइक में टक्कर मारकर हुआ फरार
- मृतक के भतीजे ने मंझौला थाने में दी तहरीर, 3 दिन बाद भी पुलिस ने नही लिया कोई एक्शन
मुरादाबाद (विधान केसरी)। हिट एंड रन का मतलब है तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने के चलते किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और फिर भाग जाना। भारतीय न्याय संहिता की धारा 104 में हिट एन्ड रन का जिक्र किया गया है जिसमें ड्राइवर की लापरवाही से पीड़ित की मौत होने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है। देशभर में इस क़ानून को लेकर हा हाकर मचा और तमाम ट्रक ड्राइवर इसका विरोध भी कर रहे है, लेकिन देखा जाए तो कुछ हद तक कानून ठीक भी है, क्योंकि आये दिन हिट एंड रन केस की वारदातों से मरने वाले व्यक्ति के परिजनों को जीवन भर इसका दंश झेलना पड़ता था, और मारकर भाग जाने वाला व्यक्ति बच निकलता था, मुरादाबाद में 31 दिसम्बर की रात हुआ हादसा इसका जीता जागता प्रमाण है।
मामला खुशहालपुर निवासी राजेश कुमार नाम के शख्स की मौत से जुड़ा है मृतक राजेश के भतीजे द्वारा मंझौला थाने में दिए गए शिकायती पत्र में बताया गया है कि उसके चाचा राजेश कुमार ठेकेदारी का काम करते है, 31 दिसम्बर 23 को अपने काम से लौट रहे थे, तभी रात को समय लगभग 7 बजे मनोहरपुर के पास गत्ता फैक्टी के सामने लापरवाही के साथ तेज गति से आ रहे अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक संख्या डीएल 12 एस ई 4148 में टक्कर मारकर फरार हो गया जिससे उसके चाचा की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक राजेश के साथ हुए हिट एंड रन केस में उन्होने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है, हालांकि मृतक के भतीजे कुमार नील ने मंझौला थाने में अज्ञात वाहन के खिलाफ तहरीर तो दे दी लेकिन पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद भी कोई कार्यवाही नही की। ऐसे में जानकारों का कहना है कि सरकार द्वारा बनाया गया ये कानून न्याय संगत है, लेकिन कुछ लोग ये भी मांग उठा रहे है कि सरकार को एक्सीडेंट के बाद ड्राइवर को घेरकर उसके साथ मारपीट करने वाले लोगो (मोब) के खिलाफ भी कार्यवाही के लिए इस कानून में संशोधन करना चाहिए ताकि इस तरह के मामले में हिंसा करने वालो पर भी कार्यवाही हो सके।