अर्जुन की छाल कौन-कौन सी बीमारी में काम आती है? जानें

 

आयुर्वेद में अर्जुन की छाल का बहुत ज्यादा महत्व है। ये पेड़ की छाल विशेष रूप से पोषक तत्वों और फाइटोकेमिकल्स से भरपूर होती है, जो इसे कई हर्बल उपचारों में एक जरूरी घटक बनाती है। अर्जुन छाल फ्लेवोनोइड्स, टैनिन, ट्राइटरपेनोइड्स और सैपोनिन्स जैसे फाइटोकेमिकल्स से समृद्ध है। छाल में कई महत्वपूर्ण यौगिक होते हैं, जिनमें अर्जुनोलिक एसिड, गैलिक एसिड, एलाजिक एसिड और β-सिटोस्टेरॉल शामिल हैं। यही वो कारण हैं जिसकी वजह से इस छाल का कई बीमारियों में प्रयोग होता है। जानते हैं कैसे।

अर्जुन की छाल कौन-कौन सी बीमारी में काम आती है

1. हाई बीपी के लिए अर्जुन की छाल

अर्जुन की छाल दिल की सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। अर्जुन छाल में फाइटोकेमिकल्स, विशेष रूप से टैनिन होता है, जो कार्डियोप्रोटेक्टिव प्रभाव दिखाया गया है। यानी कि ये धमनियों को चौड़ा करता है, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और कोलेस्ट्रॉल कम करने में मददगार है। इस प्रकार से ये दिल की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।

2.  दस्त और पेचिश जैसी समस्याओं में

अर्जुन छाल का उपयोग आयुर्वेद में दस्त और पेचिश जैसी पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। अर्जुन छाल में मौजूद टैनिन में कसैले गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र में सूजन को कम करने और दस्त और पेचिश जैसी समस्याओं से बचाव में मदद करता है।

3. डायबिटीज और गठिया में अर्जुन की छाल

अर्जुन की छाल में ऐसे यौगिक होते हैं जिनमें सूजन-रोधी प्रभाव होते हैं। इसके अलावा ये शरीर में शुगर मेटाबोलिज्म को तेज करके डायबिटीज के कारण होने वाली सूजन को कम करने में भी मददगार है। बता दें कि सूजन हृदय रोग, डायबिटीज और गठिया सहित विभिन्न प्रकार की पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों से जुड़ी होती है जिसमें कि ये कारगर तरीके से सहायक है। इसके अलावा ये जोड़ों में होने वाली सूजन को भी कम करने में मददगार है।

जानें कब पिएं और कितना पिएं

अर्जुन की छाल 10-10 मिलीग्राम सुबह और शाम में आप ले सकते हैं। बस आपको ये तय करना है कि आप इसे चाय में लेंगे या फिर दूध के साथ लेंगे। अगर आप ऐसे नहीं लेते हैं  तो आप इसका पाउडर बनाकर रख लें और फिर गर्म पानी के साथ इसे लें।