उन्नाव: तीन दिवसीय संत सम्मेलन में महात्माओं ने जीवन को सार्थक बनाने का दिया संदेश

विधान केसरी समाचार

उन्नाव। जनपद के सफीपुर क्षेत्र के मिर्जापुर गांव स्थिति मां शीतला देवी मंदिर प्रांगण में मंगलवार से आयोजित तीन दिवसीय संत सम्मेलन के पहले दिन बाहर से पहुंचे संत- महात्माओं ने जीवन को सार्थक बनाने का संदेश दिया। इससे पहले भिनकीपुर परमार्थ धाम के संत रामस्वरूप ब्रम्हचारी ने गौरी गणेश का आवाहन कर मानस सम्मेलन का शुभारंभ किया ।मिर्जापुर गांव में मां शीतला देवी मंदिर पर दसवां संत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए भिनकीपुर हनुमान मंदिर के महंत रामस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा की भगवान सभी को मानव शरीर को ईश्वर के अनमोल पुरस्कार के तौर पर स्वीकार करना चाहिए। कहा सत्कर्म व सदविचार के साथ वाणी को सयंमित रखते हुए कथनी-करनी में एकरूपता स्थापित करनी चाहिए। ऐसा करने से ही मनुष्य के रूप में जन्म लेना सार्थक होता है।

ब्रह्मचारी ने कहा कि आचरण करने से पहले से विचार की कसौटी में कसते हुए परखा जाना चाहिए। मानस महारथी श्री प्रवीण जी तिवारी ने धर्म के बिगड़ते स्वरूप पर चिंता जताते हुए कहा कि इसे रोकने के लिए संत समाज को जागरूकता अभियान छेड़ना चाहिए, जिससे भावी पीढ़ी को सुसंस्कारी बनाया जा सके।

मानस व्यास योगेश जी रामायणी ने हनुमान जी की महिमा का बखान करते हुए कहा कि धार्मिक ग्रंथों में बजरंगबली को चिरंजीवी देवता बताया गया है। इसीलिए उनकी भक्ति करने वालों का कल्याण निश्चित होता है। दंडी स्वामी देवाश्राम जी व प्रह्लाद जी मिश्र रामायणी ने अमृतमई वाणी से धर्म की महत्ता बताकर सत्संग प्रेमियों को एकजुट करने का प्रयास किया ।

महंत रामस्वरूप ब्रम्हचारी ने सभी सनातन धर्मी सत्संग प्रेमियों का आवाहन करते हुए कहा कि उक्त समय का सदुपयोग करते हुए पंडाल पहुंच कर शास्त्र का सिद्धांत सुनते हुए संतों का सानिध्य प्राप्त कर जीवन को सफल बनाएं।कार्यक्रम आयोजक सोनेलाल पाल ने सत्संग संतों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।