गोला गोकर्णनाथ खीरीः छोटे कपड़े फटी जींस बरमूडा पहनकर मंदिर जाने पर लगी रोक
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गोला गोकर्णनाथ खीरी। छोटी काशी के पौराणिक शिव मंदिर में भी अब मिनी स्कर्ट, कटी-फटी जीन्स समेत छोटे कपड़े पहन कर पूजा नहीं कर सकेंगे। भक्तों को मर्यादित वस्त्रों में ही मंदिर जाकर पूजा अर्चना की अनुमति रहेगी। अन्यथा बाहर से ही दर्शन करने का मौका मिलेगा। इन नियमों का ऐलान मंदिर समिति ने किया है। शिव मंदिर गोस्वामी प्रबंध कार्यकारिणी समिति ने इस संबंध में पोस्टर भी जारी किए हैं।
छोटी काशी का शिव मंदिर आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां कई जिलों और प्रदेशों से भक्त आते हैं। मंदिर समिति ने भक्तों के वस्त्रों को लेकर नियम जारी किए हैं। नियम संबंधी पर्चों में लिखा गया है कि सभी महिलाएं और पुरुष मंदिर में मर्यादित वख पहनकर ही आएं। मंदिर समिति ने बाकायदाभक्तगण छोटे वस्त्र, हाफ पैंट, बरमुडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, कटी-फटी जींस, फ्रॉक और जींस आदि पहनकर आने से मंदिर के बाहर से ही दर्शन हो पाएंगे। अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अब मंदिर के अंदर मोबाइल भक्तगण छोटे वख, हाफ पैंट, बरमुडा, मिनी चलाने पर भी पाबंदी लगाई गई है जिससे भक्तों का ध्यान कतई ना भटके। शिव मंदिर गोस्वामी प्रबंध कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष जनार्दन गिरि का कहना है कि पिछले कई सालों से मंदिर प्रबंध समिति को शिकायतें मिल रही थी किसी पूजा के दौरान पुरूष और महिलाएं अमर्यादित वत्र पाहन कर आ रहे हैं, जो हमारी परंपरा के अनुकूल नहीं है। हम यह चेतावनी नहीं, एक निवेदन कर रहे हैं कि धार्मिक परिसर को आधुनिकता से दूर रखा जाए।
नहीं बनेगी शिव मंदिर में रील
मंदिर समिति ने ड्रेस कोड के साथ ही शिव मंदिर में अब सेल्फी लेने व रील बनाने पर पाबंदी लगा दी है। अभी तक तमाम युवा मंदिर में पूजा अर्चना के बहाने पहुंचकर सेल्फी लेते थे। यहां तक कि मंदिर की तमाम रील भी सोशल मीडिया पर हैं।
अध्यक्ष जनार्दन गिरी का कहना है कि इन हरकतों से अन्य श्रद्धालुओं का ध्यान भंग होता है। इसलिए मंदिर के परिसर में अब यह सब नहीं हो सकेगा।
छोटी काशी शिव मंदिर के पुजारी दिनेश मिश्रा का कहना है कि श्रद्धालु मर्यादित वस्त्र पहनकर के ही मंदिर में प्रवेश करें, 5 वर्ष तक के छोटे बच्चों को केवल छूट है, बड़े लोग मर्यादित परिधान में ही भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं अन्यथा बाहर से दर्शन करें। उन्होंने श्रद्धालुओं से निवेदन भी किया कि भगवान शिव मंदिर की मर्यादा को बनाए रखें। मंदिर में वालेंटियर रील बनाने वालों को रोकेंगे। हालांकि तीर्थ परिसर को लेकर अभी निर्देश नहीं हैं।