ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार के दावों को भारत सरकार ने किया खारिज

 

आस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी डायस ने दावा किया कि उन्हें भारत में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कवरेज की अनुमति नहीं दी गई. इसके बाद उन्हें भारत छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. इस मामले को लेकर भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार के दावों का खंडन किया है. सूत्रों का कहना है कि पत्रकार अवनी डायस का दावा सही नहीं है बल्कि भ्रामक है.  दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार को वीजा नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि वीजा नियमों के उल्लंघन के बावजूद डायस के अनुरोध पर उन्हें आश्वासन दिया गया है कि लोकसभा चुनाव के कवरेज के लिए उनका वीजा बढ़ाया जाएगा. हालांकि, उनका पिछला वीजा 20 अप्रैल तक ही वैलिड था, जिसे अब आगे बढ़ाते हुए अवनी डायस ने 18 अप्रैल को वीजा फीस का भुगतान कर दिया है. इसके बाद से डायस का वीजा उसी दिन से जून के आखिरी तक बढ़ा दिया गया है.

ऑस्ट्रेलियाई प्रसारक एबीसी न्यूज के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख अवनी डायस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें बीते शुक्रवार, 19 अप्रैल को भारत छोड़ना होगा. उनका आरोप था कि मोदी सरकार ने मुझसे कहा कि मेरे वीज़ा विस्तार को अस्वीकार कर दिया जाएगा, यह कहते हुए कि मेरी रिपोर्टिंग ‘की समय सीमा खत्म हो गई है. डायस ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार के हस्तक्षेप के बाद, मुझे केवल दो महीने का विस्तार मिला है.

इसके साथ ही डायस ने कहा कि हमें यह भी बताया गया कि भारतीय मंत्रालय के निर्देश के कारण मेरी चुनाव कवर करने की परमिशन नहीं मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें और उनके साथी को मतदान के पहले दिन ही जाना पड़ा. हालांकि इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार ने 20 अप्रैल को भारत छोड़ने का फैसला ले लिया था.

इस मामले पर विदेश मंत्रालय का कहना है कि चुनाव कवरेज करने की अनुमति न दिए जाने की बात तथ्यात्मक रूप से गलत है, क्योंकि सभी वीजा धारक पत्रकारों को बूथ के बाहर चुनावी गतिविधियों की कवरेज की अनुमति है. ऐसे में ये दलील झूठी और भ्रामक है, क्योंकि अन्य एबीसी पत्रकारों जैसे मेघना बाली और सोम पाटीदार को पहले ही लोकसभा चुनाव की कवरेज के लिए ऑफीशियल लेटर मिल चुके हैं.