Sonebhadra: सासंद,विधायक बनने के लिए प्रत्यासी वोटरों के सामने अबकी बार क्या लेके जाएंगे मुद्दा?

पाँच साल के सांसदीय में ब्राह्मण ,ठाकुर को मिला गाली कैसे करेंगे वोट।

दिनेश पाण्डेय: लोकसभा व विधान सभा मे काटे की टक्कर हो गयी हैं इस बार किसको जनता पहनाती हैं ताज आखरी चरण यानी 1 जून को होना है चुनाव उम्मीद जताई जा रही है कि लोकतंत्र के इस महापर्व में जनता खूब मतों का प्रयोग बिना जोर दबाव में करेगी। मतदाता अपनी भागीदारी सुनिश्चत कर अपने पसंद का सांसद चुनेंगि। प्रत्यासी खूब जोर अजमाइश किया है। मतदाताओं को लुभाने के लिए वादे भी खूब किये गये। चुनाव की रणनीति भी तैयार की जाती रही। अन्य चुनाव की तरह इस चुनाव को लेकर भी दाव-पेंच चलता रहा। घात-प्रतिघात की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। दूसरे पार्टी की रणनीति जानने के लिए भी कोशिश होती रही औ लेख
उसका काट खोजा जाता रहा। इस बीच जीत हार को लेकर भी चर्चाएं खुब होती रही। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता चुनाव को लेकर जितना सक्रिय देखे गये उतना सक्रियता आम लोगों में दिखाई नहीं दी। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि अधिक से अधिक मतदाता घर से निकल कर बूथ तक जाएंगे और मतदान करेंगे। मतदान को लेकर महिलाओं में अधिक उत्साह देखा जा रहा है। महिलाएं वोट देने को आतुर दिख रही है। नया मतदाताओं में भी मतदान को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। जो लोग किसी पार्टी से नहीं जुड़े है, वे खुलकर मत को लेकर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
इस चुप्पी व भीषण गर्मी से प्रत्याशियों की परेशानी बढ़ गई हैं। चर्चा है कि चुनाव में जीत हार का मार्जिन साइलेंट वोटर ही करेंगे। चुनावी तापमान के बीच मौसम का मिजाज बदला हैं और गर्मी काफी तेज हो गयी है।