अमेठीः हैंडपंप मरम्मत के नाम पर प्रधान व सचिव की नहीं चलेगी मनमानी
- रजिस्टर में दर्ज होगी ग्राम पंचायतों में हैंडपंप खराब होने की सूचना
- जेई एमआई की जांच के बाद ही रिबोर या मरम्मत करा सकेंगी ग्राम पंचायतें
विधान केसरी समाचार
अमेठी। अक्सर देखा जाता है कि ग्राम पंचायतें हैंडपंप की मरम्मत और रिबोर कराने के नाम पर बहुत अधिक धनराशि खर्च कर देती हैं। वहीं सामान्य मरम्मत के दौरान हैंडपंप से कबाड़ के रूप में निकली खराब सामग्री को कहीं पर स्टाक व नीलामी नहीं की जाती। सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए जिलाधिकारी ने हैंडपंप मरम्मत और रिबोर के लिए हैंडपंप रजिस्टर बनाने व उसकी जांच कराए जाने के निर्देश दिए हैं। रजिस्टर में निर्धारित प्रारूप पर नल खराब होने की शिकायतें दर्ज की जाएंगी। जिसकी जेई एमआई से जांच कराने के बाद ही नल की मरम्मत या रिबोर का काम ग्राम पंचायतें करवा सकेंगी।
जिले के सभी खंड विकास अधिकारियों व सहायक विकास अधिकारी पंचायत को पत्र भेजकर जिलाधिकारी निशा अनंत ने कहा है कि पेयजल की समस्या के निस्तारण का अधिकार ग्राम पंचायतों में निहित है। लेकिन प्रायरू देखने में आ रहा है कि ग्राम पंचायतों में बहुत अधिक धन हैंडपंप मरम्मत तथा रिबोर के मद में खर्च हो रही है। वहीं नल की मरम्मत या रिबोर के दौरान जो सामान पाइप आदि कबाड़ के रूप में निकलती है उसकी कहीं भी स्टाक इंट्री और नीलामी की कार्रवाई नहीं की जा रही है। हैंडपंप मरम्मत के नाम पर शासकीय धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए उन्होंने ग्राम पंचायतों व विकास खंडों पर एक हैंडपंप रजिस्टर बनाए जाने का निदेश दिया है। इस रजिस्टर में निर्धारित प्रारूप पर खराब हैंडपंप का स्थल, कब से खराब है, खराबी का प्रकार की सूचना दर्ज की जाएगी। इसके साथ ही शिकायतकर्ता का हस्ताक्षर, नोट करने वाले सचिव का हस्ताक्षर व दिनांक, हैंडपंप ठीक करने का दिनांक, हैंडपंप में डाली गई सामग्री का विवरण, हैंडपंप से निकली पुरानी सामग्री का विवरण और पुरानी सामग्री की नीलामी का दिनांक भी अंकित किया जाएगा।
दस दिन के अंदर कराएंगे रिबोर
डीएम ने कहा है कि अगर हैंडपंप में सामान्य खराबी है तो उसे तीन से पांच दिन के अंदर सही कराना होगा। वहीं अगर जांच में रिबोर की आवश्यकता पाई जाती है तो स्वीकृति लेने के बाद दस दिन के अंदर रिबोर करवाना होगा। जेईएमआई को रिबोर योग्य हैंडपंप का सत्यापन सात दिन के अंदर करके उसकी रिपोर्ट देना होगा। वहीं रिबोर योग्य हैंडपंप का सत्यापन पंचायत सहायक भी करेंगे और नल की फोटो खींचकर ब्लाक के वाट्सएप ग्रुप पर डालेंगे। डीएम ने कहा है कि रिबोर किया गया हैंडपंप कम से कम दो वर्ष तक पुनरू रिबोर योग्य पाया जाता है तो संबंधित एमबी कर्ता, ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव पर कार्रवाई की जाएगी।