बढ़ती उम्र के बाद भी आपको छू तक नहीं पाएगा बुढ़ापा, अगर आज से ही गांठ बांध ली ये बातें
लगातार बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से अब लोग उम्र से पहले ही बुढ़ापे की ओर तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. हालांकि इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि बुढ़ापा अपने कई सारी बीमारियां साथ लेकर आता है.यह सोचने में थोड़ी अजीब जरूर लगेगा पर अगर आप ध्यान से सोचेंगे तो समझ पाएंगे कि कैंसर, हार्ट डिजीज से लेकर डिमेंशिया तक जैसी जानलेवा बीमारी युवाओं से ज्यादा बुजुर्गों को अपना शिकार बनाती हैं.
आंकड़ों पर नजर डालें तो दुनिया भर में रोजाना डेढ़ लाख मौते होते हैं जिनमें से तकरीबन 1 लाख से अधिक मौत का कारण उम्र बढ़ाना होता है. ये तो वो बीमारियां है जो जानलेवा हो सकती हैं लेकिन रोजमर्रा की बाकी समस्याओं पर नजर डालें तो कमजोरी, भूलने की बीमारी या फिर जोड़ों में दर्द जैसी कई तरह की परेशानियों का कारण भी बुढ़ापा ही है. हालांकि एजिंग एक नेचुरल प्रोसेस है जिसे रोका नहीं जा सकता लेकिन उम्र बढ़ाने के बावजूद बूढ़े होने से बचा जा सकता है. आखिर इसे लेकर क्या कहता है साइंस और कैसे उम्र बढ़ने के साथ भी आप स्वस्थ रह सकते हैं चलिए जानते हैं.
डाइट पर कंट्रोल
हेल्दी रहना हो या फिर खुद को एजिंग से बचाना हो इस पर सबसे ज्यादा काम करती है आपकी डाइट. डाइट पर कंट्रोल ही फिट रहने का सीक्रेट है जो आज से नहीं बल्कि कई हजार साल पहले से चला रहा है. आपको बता दें की साल 1930 में चूहों पर एक प्रयोग किया गया था जिसमें पाया गया कि वो चूहे जिन्हें एक निश्चित मात्रा में भोजन दिया गया वह उन साथियों की तुलना में ज्यादा समय तक जीवित रहे जिनके खाने में किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं था. यह रिसर्च अपने आप में बताने के लिए काफी है की डाइट कंट्रोल करना लंबे समय तक जीवित और जवान रहने का राज है.
थाइमस का कायाकल्प
आपकी छाती की हड्डी के ठीक पीछे और आपके दिल के सामने एक छोटा सा अंग है जिसे आपका थाइमस कहा जाता है, जो इम्यून सेल्स के प्रोडक्शन का काम करता है. विज्ञान की भाषा में समझे तो थाइमस का कम होना उम्र के साथ इन्फेक्शन के प्रति ज्यादा सेंसिटिव होना होता है, यानी अगर थाइमस कम है तो उम्र के साथ बुजुर्गों में फ्लू और वायरस का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. हालांकि थाइमस की गिरावट को सुधारने के लिए कई तरह के उपाय है जिनमें जैन धर्म और थेरेपी और स्टेम सेल से लेकर कई तरह की दवाइयां भी उपलब्ध हैं जो उम्र तो बढ़ाएंगे लेकिन उम्र के साथ आप बूढ़े नहीं होंगे.
माइक्रोबायोम कर सकता है बुढ़ापे के असर को कम
हाल में हुई रिसर्च से पता चला है कि माइक्रोबायोम हमारे शरीर के लिए उतने ही ज़रूरी हैं जितना कि शरीर का कोई और अंग. अमरीका के बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन की प्रोफ़ेसर मेंग वांग रिसर्च के ज़रिए ये पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या माइक्रोबायोम के ज़रिए बुढ़ापे के असर को कम किया जा सकता है.वैज्ञानिकों के मुताबिक बहुत जल्द रिसर्च के ज़रिए ऐसे रसायन तैयार कर लिए जाएंगे जिनकी मदद से बूढ़े हो रहे सेल्स को फिर से जवान किया जा सकेगा और मौजूदा कोशिकाओं को बूढ़ा होने से रोका जा सकेगा.
बुढ़ापा रोकने की दवा है घी
घी खाने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं. कुछ लोग वजन घटाने की प्लानिंग के चलते देसी घी का सेवन बंद कर देते हैं, लेकिन आयुर्वेद घी को जवां बनाए रखने के लिए सबसे अच्छा आहार मानता है. ऐसे में अगर आप खुद को लंबे समय तक जवान देखना चाहते हैं और सफेद बाल नहीं चाहते हैं तो घी का सेवन करें.इसे रोजाना खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर नियमित पीने से वजन कम होता है. इसे रोजाना पीने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है और खाली पेट एक चम्मच देसी घी खाने से बाल भी काले रहते हैं.
व्यायाम करें या टहलें
उम्र बढ़ाने की प्रक्रिया को धीमा करने का सबसे अच्छा और बेहतरीन तरीका व्यायाम करना है. एजिंग सेल मे पब्लिश एक रिसर्च में पाया गया कि जो लोग पूरी जिंदगी एक्सरसाइज करते हैं या फिर टहलते हैं उनके शरीर का विकास बेहतर होता है. कोलेस्ट्रॉल लेवल कम रहता है और इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होती है