ओम बिरला ने किया राष्ट्रगान का अपमान-सुप्रिया श्रीनेत
संसद के विशेष सत्र का आज गुरुवार (27 जून) को चौथा दिन है. 18वीं लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पहला अभिभाषण हुआ और उन्होंने संयुक्त सत्र का संबोधित किया. इन सब के बीच कांग्रेस प्रवक्ता ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लेकर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि उन्होंने राष्ट्रगान का अपमान किया.
दरअसल, उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा है, “स्पीकर महोदय, राष्ट्रगान के समय जहां हैं, वहीं खड़े हो जाना चाहिए. जो आपने किया है वो राष्ट्रगान का घोर अपमान है.” इस 22 सेकेंड की क्लिप में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पीछे से एंट्री करते हुए दिखाई देते हैं और वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बगल में आकर खड़े हो जाते हैं. इस दौरान राष्ट्रगान की धुन बजती रहती है.
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कल से संसद के दोनों सदनों में चर्चा शुरू होगी. आज लोकसभा के बाद राज्यसभा भी कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले राष्ट्रपति ने संयुक्त सदन को संबोधित करते हुए आपातकाल का जिक्र किया. जिस पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने कहा है कि 50 साल पुरानी बात पर अब चर्चा होने से क्या फायदा है. वहीं, बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने आपातकाल पर चर्चा को जरूरी बताया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, आज 27 जून है. 25 जून 1975 को लागू हुआ आपातकाल, संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था. तब पूरे देश में हाहाकार मच गया था लेकिन, ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर देश ने विजय प्राप्त करके दिखाया क्योंकि भारत के मूल में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं. मेरी सरकार भी भारत के संविधान को सिर्फ राजकाज का माध्यम भर नहीं मानती, बल्कि हमारा संविधान जन-चेतना का हिस्सा हो, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं. इसी ध्येय के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है.
उन्होंने आगे कहा कि अब भारत के उस भूभाग, हमारे जम्मू-कश्मीर में भी संविधान पूरी तरह लागू हो गया है, जहां आर्टिकल-370 की वजह से स्थितियां कुछ और थीं. राष्ट्रपति ने जब 1975 में लगाए गए आपातकाल का जिक्र करना शुरू किया तो कांग्रेस सांसदों ने संयुक्त बैठक में ही नारेबाजी शुरू कर दी.